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यदि यहां विकास का काम शुरु हुआ तो यह ऐसा स्थान है कि यह देश का दूसरा हरिद्वार बन सकता है। |
गढ़मुक्तेश्वर। गढ़मुक्तेश्वर प्राचीन धार्मिक स्थल है। जिसका महत्व पौराणिक ग्रंथों और मध्यकालीन इतिहास में भी मिलता है। उत्तर प्रदेश के विभाजन के बाद यहां के क्षेत्र को विकसित कर एक मोहक धार्मिक पर्यटक स्थल बनाये जाने की मांग की जाती रही है।
हाल ही में सांसद कंवर सिंह तंवर ने संसद में गढ़ को पर्यटक स्थल बनाने की आवाज उठाई है। जबकि राज्य सरकार के मंत्री महबूब अली ने अमरोहा जिला योजना समिति की बैठक में भी क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने की मांग की है। ऐसे में गंगा के दोनों और ब्रजघाट से तिगरी तक विकास की संभावना बढ़ी है। इससे पूर्व भी तत्कालीन सांसद देवेन्द्र नागपाल ने भी इस दिशा में काफी प्रयास किये। विधायक एम. चन्द्रा तथा विधायक मदन चौहान भी गंगा के तटवर्ती क्षेत्र को पर्यटक स्थल के रुप में देखना चाहते है। परंतु उपरोक्त सभी नेता अलग-अलग बयानबाजी के अलावा कुछ नहीं कर रहे। इससे सफलता नहीं मिल पा रही। यदि ये सभी लोग दलीय खांचे से बाहर निकलकर एक जुटता के साथ प्रयास करें तो यह काम आसानी से हो सकता है।
तिगरी में सूर्य मंदिर बनाने वाले महंत कर्णपुरी महाराज भी कई बार यहां धार्मिक पर्यटक स्थल की बात कह चुके तथा उन्होंने जनता में जागरुकता का भी प्रयास किया है लेकिन अभी तक इसमें रचनात्मकता कहीं दिखाई नहीं देती।
यदि यहां विकास का काम शुरु हुआ तो यह ऐसा स्थान है कि यह देश का दूसरा हरिद्वार बन सकता है। एक बार सरकार इसका नक्शा तैयार कराले, विकास में धन लगाने वाले स्वयं ही भागे चले आयेंगे।
हाल ही में सांसद कंवर सिंह तंवर ने संसद में गढ़ को पर्यटक स्थल बनाने की आवाज उठाई है। जबकि राज्य सरकार के मंत्री महबूब अली ने अमरोहा जिला योजना समिति की बैठक में भी क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने की मांग की है। ऐसे में गंगा के दोनों और ब्रजघाट से तिगरी तक विकास की संभावना बढ़ी है। इससे पूर्व भी तत्कालीन सांसद देवेन्द्र नागपाल ने भी इस दिशा में काफी प्रयास किये। विधायक एम. चन्द्रा तथा विधायक मदन चौहान भी गंगा के तटवर्ती क्षेत्र को पर्यटक स्थल के रुप में देखना चाहते है। परंतु उपरोक्त सभी नेता अलग-अलग बयानबाजी के अलावा कुछ नहीं कर रहे। इससे सफलता नहीं मिल पा रही। यदि ये सभी लोग दलीय खांचे से बाहर निकलकर एक जुटता के साथ प्रयास करें तो यह काम आसानी से हो सकता है।
तिगरी में सूर्य मंदिर बनाने वाले महंत कर्णपुरी महाराज भी कई बार यहां धार्मिक पर्यटक स्थल की बात कह चुके तथा उन्होंने जनता में जागरुकता का भी प्रयास किया है लेकिन अभी तक इसमें रचनात्मकता कहीं दिखाई नहीं देती।
यदि यहां विकास का काम शुरु हुआ तो यह ऐसा स्थान है कि यह देश का दूसरा हरिद्वार बन सकता है। एक बार सरकार इसका नक्शा तैयार कराले, विकास में धन लगाने वाले स्वयं ही भागे चले आयेंगे।
-टाइम्स न्यूज.