बच्चों के लिए वरदान स्तनपान

jindal hospital dhanaura
जिन्दल हाॅस्पिटल धनौरा में स्तनपान पर आयोजित कार्यक्रम में मौजूद गणमान्य.
माता की ओर से बच्चों के लिए स्तनपान एक वरदान की तरह साबित होता है जिससे बच्चों का भविष्य स्वस्थ व उज्जवल बनता है। मां के दूध में मौजूद तत्वों की मदद से बच्चे के शरीर में ही नहीं अपितु स्तनपान कराने वाली माता के शरीर व मन में भी स्वास्थ्य की अभिवृद्धि होती है। उक्त विचार जिन्दल हाॅस्पिटल धनौरा के प्रबंध निदेशक डा. बी.एस. जिन्दल ने विश्व स्तनपान सप्ताह के अवसर पर जिन्दल हाॅस्पिटल व वर्ल्ड अलायंस फाॅर ब्रैस्टफीडिंग एक्शन नामक संस्था के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम ‘स्तन्य-जीवन की बूंदें’ में व्यक्त किये।
 उन्होंने कहा,‘आज संपूर्ण विश्व में स्तनपान कराने के लिए माताओं में खासकर युवा वर्ग की महिलाओं में जागरुकता लाने की आवश्यकता है।’
 समाज के सभी वर्गों का आहवान करते हुए कहा,‘हम सभी स्तनपान से संबंधित भ्रांतियों और गलतफमियों को दूर करें। शिुशुओं को उनका अधिकार, मां का दूध दिलाना चाहिए।’

adesh kumar
डा. आदेश कुमार, चिकित्सा अधीक्षक
स्तनपान एक दिव्य व अमूल्य औषधि
समारोह की अध्यक्षता करते हुए धनौरा स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सा अधीक्षक डा. आदेश कुमार ने कहा,‘स्तनपान के रुप में शिशुओं को एक दिव्य व अमूल्य औषधि मिलती है। ठीक से स्तनपान न कराने के कारण बच्चों का विकास ठीक से नहीं हो पाता। इस वजह से बच्चे अक्सर बीमार रहते हैं।’
 उन्होंने कहा,‘जिन्दल हाॅस्पिटल जैसी एक गैर सरकारी संस्था द्वारा इस प्रकार के स्वास्थ्य जागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन एक प्रशंसनीय व आदर्श प्रयास है। ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से हम स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकते हैं।’

sudha sharma
सुधा शर्मा, मुख्य अतिथि
चिकित्सक की सलाह जरुरी
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सुधा शर्मा को मातृ एवं शिशु चिकित्सा के क्षेत्र में उनके द्वारा की जा रही उत्कृष्ट सेवाओं के लिए जिन्दल हाॅस्पिटल की ओर से शाॅल व प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
उन्होंने उपस्थित माताओं को सम्बोधित करते हुए कहा,‘माता का सबसे बड़ा कर्तव्य अपने शिशु को अमृत तुल्य मां का दूध प्रदान करना है।’
 उन्होंने बताया,‘आजकल समाज में व्याप्त अनेकों गलतफहमियों के कारण या तो मातायें जल्दी ही दूध पिलाना बंद कर देती हैं अथवा उपलब्ध दूध ठीक प्रकार से न पिलाये जाने के कारण उसका पूरा लाभ मां व शिशु को नहीं मिल पाता।’
 सुधा शर्मा ने सभी माताओं से अनुरोध किया कि किसी भी प्रकार का संशय होने पर अपने चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।

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डा. राधा जिन्दल ने ‘स्तन्य-जीवन की बूंदें’ नामक व्याख्यान की चित्रों व वीडियो के माध्यम से प्रभावी प्रस्तुती दी.
स्तनपान की विधियां और सावधानियां
कार्यक्रम की मुख्य वक्ता बाल रोग विशेषज्ञ डा. राधा जिन्दल ने उपस्थित जनसमूह को ‘स्तन्य-जीवन की बूंदें’ नामक व्याख्यान की चित्रों व वीडियो के माध्यम से प्रभावी प्रस्तुती दी।
 उन्होंने स्तनपान कराने की विधियां, समय, बरती जानी वाली सावधानियां, दूध बढ़ाने के लिए उपयुक्त आहार व ठीक से स्तनपान न कराने के कारण उत्पन्न होने वाली बीमारियां व उनके उपचार आदि के बारे में सचित्र और विस्तृत जानकारी दी।
 डा. राधा जिन्दल ने वहां मौजूद महिलाओं के स्तनपान से संबंधित प्रश्नों के उत्तर भी दिये तथा उनकी गलत धारणाओं को वैज्ञानिक रीति से समझाते हुए दूर करने की कोशिश की।
 जिन्दल हाॅस्पिटल के चिकित्सा अधिकारी डा. दिलबाग जिन्दल ने उपस्थित लोगों का आभार व्यक्त करते हुए हाॅस्पिटल द्वारा संचालित अनेक कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी।
 कार्यक्रम के अंत में सभी माताओं को स्तनपान संबंधित किट का निशुल्क वितरण किया गया।
 इस अवसर पर डा. संदीप आर्य, कमलेश जिन्दल, शिवानी, नूरजहां, शबनम, रीना, निधि, कविता, मंजू, किरन आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन दीपिका ने किया।

-टाइम्स न्यूज मंडी धनौरा

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