चिकित्सा सेवाओं के विस्तार के साथ ही विश्व भर में चिकित्सा सेवा में कार्यरत लोगों में व्याप्त मानसिक तनाव चिंता का विषय बनता जा रहा है। भारतीय चिकित्सा पद्यति में वर्णित ध्यान व योग, सुदर्शन क्रिया इत्यादि के अभ्यास से व जीवन शैली में सकारात्मक परिवर्तन अपनाकर इसे दूर किया जा सकता है।
विश्व भर में हुए शोधकार्यों द्वारा यह सिद्ध हो गया है कि सुदर्शन क्रिया के नियमित अभ्यास द्वारा न केवल कैंसर, शुगर, मानसिक व्याधि बल्कि आपरेशन के उपरांत स्वास्थ्य में सुधार जैसी अवस्थाओं में भी बहुत सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं।
उक्त विचार धनौरा नगर के जिन्दल हास्पिटल के चिकित्सक डा. दिलबाग जिन्दल व डा. राधा जिन्दल ने संयुक्त रुप से व्यक्त किये।
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डा. राधा जिंदल और डा. दिलबाग जिंदल.. |
इस कार्यक्रम में विश्व भर से आये लगभग 700 चिकित्सकों ने भाग लिया। समारोह में आर्ट आॅफ लिविंग इंटरनेशनल फाउंडेशन के संस्थापक श्री श्री रविशंकर, भारत सरकार के केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षबर्धन, एम्स के डायरेक्टर डा. एम.सी. मिश्रा, एसएसजीएमडीए की चेयरमेन डा. विनोदा कुच्चिपिल्लै आदि अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
कार्यक्रम के उपरांत डा. जिन्दल ने केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. हर्षवर्धन से शिष्टाचार भेंट की व उन्हें चिकित्सा व्यवस्था में सुधार हेतु सुभाव प्रस्तुत किये। डा. जिन्दल ने स्वास्थ्य मंत्री व श्री श्री रविशंकर को जिन्दल हास्पिटल द्वारा किये जा रहे शोध कार्यों व सामाजिक सेवाओं का ब्यौरा भी सौंपा।
-टाइम्स न्यूज मंडी धनौरा
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