केन्द्र में पदारुढ़ भाजपा सरकार के रवैये से उत्तर प्रदेश के ऐसे कार्यकर्ता हताश हैं जो चुनाव प्रचार से लेकर सरकार बनने तक बड़े जोश-ओ-खरोश के साथ पार्टी के प्रचार अभियान में जुटे थे। ये लंबे समय से पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता हैं। कांठ प्रकरण में जेल में बंद भाजपा कार्यकर्ताओं की कोई सुध प्रदेश के 73 सांसदों और केन्द्रीय नेतृत्व द्वारा न लेने से प्रदेश खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के भाजपा कार्यकर्ताओं में अपनी ही सरकार के रवैये के प्रति घोर हताशा उपज रही है बल्कि कार्यकर्ता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमित शाह और राजनाथ सिंह को अवसरवादी तक कहने लगे हैं।
उल्लेखनीय है कि कांठ प्रकरण में अमरोहा भाजपा जिलाध्यक्ष गिरीश त्यागी समेत कई भाजपा नेता जेल में बंद हैं जिनपर कई आपराधिक धारायें लगी हैं जिसके कारण उन्हें जमानत तक नहीं मिली। उन्हें छुड़ाने लिए यूपी के 73 सांसदों तथा कार्यकर्ताओं आदि ने कोई आंदोलन तक का साहस नहीं किया। कई बार यहां से कुछ कार्यकर्ता जिनमें हरपाल सिंह, अनिल जैन आदि गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भी मिले थे, लेकिन उन्हें टाल-मटोल के रवैये के अलावा कुछ नहीं मिला। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह तो इस तरह के प्रकरण पर बात भी करना पसंद नहीं करते बल्कि इतने छोटे लोगों से मिलने का उनके पास समय भी नहीं है। यही कारण है कि सांसद कंवर सिंह तंवर भी इधर कम ही नजर आते हैं। उन्हें भी डर है कि कहीं मुरादाबाद की ओर गये तो उन्हें भी बंद किया जा सकता है।
यहां के भाजपा वाले यूपीए के शासन में पुलिस से इतने नहीं डरते थे जितने भाजपा के शासन में डर रहे हैं। भाजपा कार्यकर्ता यह स्वीकार करने लगे हैं कि सपा, बसपा और कांग्रेस सभी दलों के नेता अपने कार्यकर्ताओं का सम्मान करते हैं लेकिन भाजपा सत्ता मिलते ही उन्हें भूल जाती है। भाजपा कार्यकर्ताओं का यह दर्द राज्य के उपचुनावों में केन्द्र सरकार का तो कुछ नहीं बिगाड़ पायेगा पर उसके विरोधियों को थोड़ी राहत जरुर देगा। आगे-आगे भाजपा नेताओं को उसके कार्यकर्ता ही सबक सिखायेंगे।
-टाइम्स न्यूज अमरोहा
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