हापुड़ से मुरादाबाद तक आप को नेशनल हाइवे के किनारे कई यूनिवर्सिटी और कालेज मिलेंगे जिनकी दीवारों पर इतने कोर्स लिखे होंगे कि उन्हें चलते-चलते पढ़ना मुश्किल हो जायेगा। मजेदार बात यह है कि इनमें से हकीकत में बहुत से कोर्सों को वहां मान्यता ही नहीं होगी। इस तरह की यूनिवर्सिटी को यहां ‘सड़क छाप’ संस्थायें कहा जाने लगा है।
हाल ही में गजरौला से लगभग सात किलोमीटर दूर नेशनल हाइवे मार्ग पर रजबपुर के पास वेंकटेश्वर यूनिवर्सिटी में भी तीन साल से छात्रों को बिना मान्यता लिए बीएससी नर्सिंग कोर्स पढ़ाया जाता रहा। जब उन्हें सर्टिफिकेट नहीं मिला और उन्होंने डीएम से शिकायत की तो इस राज का भांडाफोड़ हुआ। हाल ही में एक दर्जन छात्रा-छात्राओं ने कलेक्ट्रेट में पहुंचकर डीएम को शिकायत की कि उन्हें बिना मान्यता के ही बीएसएसी नर्सिंग में प्रवेश दे दिया। हर साल मार्कशीट भी दी गयी। बाद में पता लगा कि मार्कशीट फर्जी है। इसपर काफी हंगामा हुआ था।
छात्रों ने यह भी आरोप लगाया कि उनके नाम से छात्रवृत्ति भी प्राप्त की गयी जो बिना मान्यता के नहीं मिल सकती। अतः यह दूसरा अपराध् है। उधर डीएम ने इस पूरे प्रकरण की जांच का दायित्व एसडीएम सदर को सौंप दिया है। उन्हें दस दिन का समय दिया गया है।
-टाइम्स न्यूज गजरौला
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