पूरे मंडल में प्रतिबंधित पशुओं का अवैध कटान जारी है। इनमें बहुसंख्यक समाज की आस्था का केन्द्र बने गौवंशीय पशुओं का वध सबसे अधिक हो रहा है। पाबंदी के वावजूद गौवध न रुकने का मूल कारण यह है कि इसमें उस बहुसंख्यक वर्ग के लोग भी शामिल हो गये हैं जिस वर्ग में गौ हत्या महापाप माना गया है। गौ सेवा, सुरक्षा और संरक्षा के नाम पर खोली गयी गौ शालायें इसी बहुसंख्यक वर्ग के धार्मिक लोगों द्वारा संचालित हैं जबकि इस तरह के समाचार और सबूत हैं कि गौशालायें अमृत समान दुग्ध प्रदान करने वाली गायों को पशु तस्करों से पकड़ी जाने के बाद संरक्षण के नाम पर अपने यहां रख लेते हैं। बाद में उन्हें वधशालाओं के हवाले कर दिया जाता है। पशु चोरी अथवा अकाल मृत्यु का हवाला देकर गौशाला संचालक बरी हो जाते हैं। पिछले दिनों कुछ गौ शालाओं में गड़बड़ी पकड़ में भी आयी है।
संभल, अमरोहा, मुरादाबाद और रामपुर चार जनपदों में गौवध चरम पर है। यहां राजस्थान, हरियाणा और पंजाब से लाकर गौवध किया जाता है। इस बात के प्रमाण पुलिस द्वारा वध को ले जायी जा रही गायों के पकड़े जाने पर गिरफ्तार पशु तस्करों से पता लग जाते हैं। ये नेता पुलिस पर दबाव बनाकर रखते हैं। यही कारण है कि जगह-जगह राष्ट्रीय और प्रांतीय मार्गों पर पुलिस की मौजूदगी के वावजूद गौवंश वध स्थलों तक सड़क मार्गों से ही लम्बी दूरी कर पहुंचा दिये जाते हैं। फिर भी पुलिस बहुत से वाहनों को समय-समय पर पकड़कर यह जताने का प्रयास करती है कि वह गौवंश की सुरक्षा के लिए सतर्क है।
अमरोहा जनपद का थाना गजरौला ऐसा स्थान है जहां के चौराहे से दिल्ली की ओर से आने वाले गौवंश चौपले से होकर निकाले जाते हैं चाहें वे हसनपुर-संभल तक जायें अथवा नेशनल हाइवे से लेकर अमरोहा, संभल, मुरादाबाद अथवा रामपुर या उससे आगे जायें। यहां होकर ही जायेंगे। कई गायें लदे ऐसे वाहन रजबपुर, जोया, हसनपुर आदि स्थानों की पुलिस ने पकड़े हैं। इससे स्पष्ट होता है कि थाना गजरौला की पुलिस की जो टीम चौपला पर तैनात है उसकी गौवंशीय वध कर्ताओं से मिलीभगत है।
वैसे कई बार थाना गजरौला की पुलिस ने भी वध को ले जाते हुए गौवंश पकड़े हैं। हाल ही में चालीस गायों को एक वाहन में ले जाते पुलिस ने पकड़ा था। फिर भी इससे यह जरुर जाहिर होता है कि कुछ लोग पशु तस्करों से जरुर मिले हैं। तभी तो मौका देखकर अधिकांश पशु यहां से गुजर जाते हैं। पुलिस अधिकारियों को ऐसे पुलिस कर्मियों पर लगाम लगानी चाहिए।
इतना बुरा हल है कि उझारी में सपा का एक कद्दावर नेता होने के वावजूद गौवध जारी है। हाल ही में घरों के अंदर गौमांस और वध के लिए बांधे पशु मिले। इसी नेता के दबाव पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। उझारी में गौवध का यह नया मामला नहीं बल्कि वर्षों से यह क्रम जारी है जिसे सपा नेता का पूरा संरक्षण है।
-टाइम्स न्यूज़ मुरादाबाद.
संभल, अमरोहा, मुरादाबाद और रामपुर चार जनपदों में गौवध चरम पर है। यहां राजस्थान, हरियाणा और पंजाब से लाकर गौवध किया जाता है। इस बात के प्रमाण पुलिस द्वारा वध को ले जायी जा रही गायों के पकड़े जाने पर गिरफ्तार पशु तस्करों से पता लग जाते हैं। ये नेता पुलिस पर दबाव बनाकर रखते हैं। यही कारण है कि जगह-जगह राष्ट्रीय और प्रांतीय मार्गों पर पुलिस की मौजूदगी के वावजूद गौवंश वध स्थलों तक सड़क मार्गों से ही लम्बी दूरी कर पहुंचा दिये जाते हैं। फिर भी पुलिस बहुत से वाहनों को समय-समय पर पकड़कर यह जताने का प्रयास करती है कि वह गौवंश की सुरक्षा के लिए सतर्क है।
अमरोहा जनपद का थाना गजरौला ऐसा स्थान है जहां के चौराहे से दिल्ली की ओर से आने वाले गौवंश चौपले से होकर निकाले जाते हैं चाहें वे हसनपुर-संभल तक जायें अथवा नेशनल हाइवे से लेकर अमरोहा, संभल, मुरादाबाद अथवा रामपुर या उससे आगे जायें। यहां होकर ही जायेंगे। कई गायें लदे ऐसे वाहन रजबपुर, जोया, हसनपुर आदि स्थानों की पुलिस ने पकड़े हैं। इससे स्पष्ट होता है कि थाना गजरौला की पुलिस की जो टीम चौपला पर तैनात है उसकी गौवंशीय वध कर्ताओं से मिलीभगत है।
वैसे कई बार थाना गजरौला की पुलिस ने भी वध को ले जाते हुए गौवंश पकड़े हैं। हाल ही में चालीस गायों को एक वाहन में ले जाते पुलिस ने पकड़ा था। फिर भी इससे यह जरुर जाहिर होता है कि कुछ लोग पशु तस्करों से जरुर मिले हैं। तभी तो मौका देखकर अधिकांश पशु यहां से गुजर जाते हैं। पुलिस अधिकारियों को ऐसे पुलिस कर्मियों पर लगाम लगानी चाहिए।
इतना बुरा हल है कि उझारी में सपा का एक कद्दावर नेता होने के वावजूद गौवध जारी है। हाल ही में घरों के अंदर गौमांस और वध के लिए बांधे पशु मिले। इसी नेता के दबाव पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। उझारी में गौवध का यह नया मामला नहीं बल्कि वर्षों से यह क्रम जारी है जिसे सपा नेता का पूरा संरक्षण है।
-टाइम्स न्यूज़ मुरादाबाद.