ब्रजघाट—गजरौला और तिगरी के बीच गंगातटवर्ती त्रिकोणीय क्षेत्र एक बेहतर पर्यटन स्थल बनने के लिए बहुत उपयुक्त है। यह कम खर्च में एक इतना बेहतर पर्यटन स्थ्ज्ञल बन सकता है जिससे उत्तर प्रदेश के पर्यटन विभाग की आय तो बढ़ेगी ही उसके साथ कई गांवों का विकास तथा हजारों स्थानीय परिवारों को रोजगार भी मिलेगा।
गरीब और अमीर दोनों ही लाभान्वित होंगे। यह पहले ही एक ऐसा तीर्थस्थल है जहां वर्ष में एक बार मिनी कुंभ तथा प्रत्येक अमावस्या व पूर्णिमा के साथ ही विभिन्न त्योहारों पर धार्मिक कर्मकांडों एवं गंगा स्नान के लिए देश के विभिन्न भागों से लोग आते रहते हैं। यह एक सुविधा विहीन धार्मिक स्थल है। जिसे विकसित कर एक रमणीय और मोहक रुप दिया जा सकता है। वैसे भी यह स्थान धार्मिक स्थल के रुप में पौराणिक ग्रंथों में दर्ज है। इतने महत्वपूर्ण स्थान को उपेक्षित नहीं होना चाहिए। यह आज भी करोड़ों भारतीयों की आस्था का केन्द्र है। दूर—दूर से मृतकों का अंतिम संस्कार कराने लोग यहां आते हैं। तथा उसके बाद भी उनकी आत्मिक शांति के लिए वर्षों तक अनेक धार्मिक अनुष्ठान संपन्न करने की परंपरा जारी रहती है।
गंगा तटवर्ती इस क्षेत्र में ब्रजघाट से गजरौला तक या तिगरी से गजरौला तक गंगा सहित कुल चार नदियां एक—दूसरे के समानांतर प्रवाहित होती हैं। गंगा के अलावा मतवाली, बगद, तथा छोईया नदियां यहां बरसात में जीवित हो उठती हैं। ये तीन दशक पूर्व सदा नीरा थीं। जगह—जगह तालाबों पर अतिक्रमण तथा अवैध निर्माण और जलवायु परिवर्तन ने इन्हें मरणासन्न बना दिया है।
गंगा तटवर्ती इस क्षेत्र को सौन्दर्यीयकरण करते समय इन नदियों की खुदाई कर यह क्षेत्र बहुत ही सुंदर पयर्टन स्थल बनाया जा सकता है। मैं दशकों से विभिन्न पत्र—पत्रिकाओं के जरिये पर्यटन मंत्रालय और केन्द्र तथा राज्य सरकारों का ध्यानाकर्षित करता आया हूं। हमारे जनप्रतिनिधियों के सामने भी यह मुद्दा उठाया गया है। आश्वासन सभी ने दिये हैं। परंतु हुआ कुछ नहीं। जिस समय शिवस्वरुप टंडन जिला पंचायत अध्यक्ष थे उन्होंने इस दिशा में ठोस काम शुरु किया लेकिन उसके बाद किसी ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया।
19 जनवरी को उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री ओमप्रकाश सिंह, कय्यूम खां और हाजी अब्दुल सलाम के निमंत्रण में तिगरी आये थे। उन्होंने तिगरी के सौन्दर्यीयकरण के लिए दस करोड़ रुपये की मंजूरी की बात की थी। परंतु अभी तक उसमें क्या हुआ, कोई बताने वाला नहीं। गंगा के दोनों ओर की विधान सभा क्षत्रों में सपा के विधायक हैं। वे चाहें तो यह क्षेत्र स्वर्गोपम धार्मिक पर्यटन स्थल का रुप ले सकता है। सांसद कंवर सिंह तंवर उस पार्टी से हैं जो नमामि गंगे योजना का बखान करते नहीं थकती। उन्हें तो इस दिशा में बिना कहे अभी तक बहुत कुछ देना चाहिए था परंतु तंवर अपने क्षेत्र से लापता है। ऐसे में उनसे कोई आशा रखने का सवाल ही पैदा नहीं होता।
-टाइम्स न्यूज़ गजरौला.