जिला पंचायत चुनावों से दूसरी राजनीतिक पारी शुरु करेंगे नागपाल

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पंचायत चुनावों का समय करीब आते ही जनपद में त्रिस्तरीय चुनावों की तैयारी में जहां चुनावी गतिविधियां शुरु हो गयी हैं, वहीं जिला पंचायत चुनावों में पिछली बार की तरह सपा और बसपा में ही सीधे मुकाबले की संभावना बलवती हो गयी है। इस चुनाव में जिला पंचायत से अपनी राजनैतिक पारी शुरु करने वाले पूर्व सांसद तथा सपा के कद्दावर नेता देवेन्द्र नागपाल एक बार फिर से जिला पंचायत चुनाव में सक्रिय भाग लेकर जोर आजमाइश की तैयारी कर रहे हैं। हो सकता है कि वे जिला पंचायत अध्यक्ष तक की दौड़ में भाग लें।

केन्द्र में भाजपा और राज्य में सपा की सरकार होने के कारण यहां जिला पंचायत चुनाव में यही दोनों पार्टियां प्रमुख प्रतिद्वंदी होनी चाहिए थीं लेकिन भाजपा इस लड़ाई से बाहर दिखाई दे रही है। जबकि कांग्रेस और रालोद भी आंशिक रुप से ही इस प्रतिस्पर्धा में शामिल होंगी।

वार्ड 11 से मौजूदा सदस्य चौ. वीरेन्द्र सिंह एक बार फिर मैदान में आ रहे हैं। वे बसपा के लोकप्रिय युवा नेता हैं। गत चुनाव में वे वार्ड आठ से विजयी रहे थे। नये परिसीमन में वे वार्ड 11 से मैदान मारने का प्रयास कर रहे हैं। उन्हें जीत का पूरा भरोसा है। इस वार्ड के मतदाताओं में उनकी मजबूत घुसपैठ है। उनकी घोषणा के बाद से वार्ड के मतदाता काफी खुश हैं। उनका मानना है कि वीरेन्द्र सिंह ने अपने कार्यकाल में बेहतर काम किया है। अभी दूसरे किसी उम्मीदवार का उनके सामने न आना भी यह सिद्ध करता है कि वे बहुत मजबूत हैं।

बीडीसी सदस्य चौ. कामेन्द्र सिंह भी इस बार जिला पंचायत का चुनाव लड़ना चाहते हैं। अभी उनके साथी यह तय नहीं कर पा रहे कि किस वार्ड से चुनाव लड़ा जाये। वे परिसीमन से पूर्व वार्ड नौ से लड़ने के इच्छुक थे लेकिन नौ का एक भाग अब कट कर 11 में तथा अधिकांश गांव दूसरे वार्ड में रह गये। वे ऐसे में नौ के बजाय 11 से मैदान में आना चाहते हैं। इस वार्ड में सपा का कड़ा विरोध है। अधिकांश लोग बसपा के समर्थक हैं। इसलिए उन्हें कड़ी मेहनत करनी होगी।

वार्ड दस से देवेन्द्र नागपाल समर्थक चौ. भूपेन्द्र सिंह मैदान में आ रहे हैं। उनका मुकाबला भी बसपा के किसी उम्मीदवार से होना है। जो अभी सामने नहीं आया। भूपेन्द्र हालात अपने पक्ष में मान रहे हैं तथा प्रतीक्षा में हैं कि प्रतिद्वंदी शीघ्र घोषित हों। उसके बाद ही चुनावी रणनीति बनायी जाये। वे अपने परिजनों में से कुछ को बीडीसी चुनावी दंगल में भी उतारेंगे।

चौ. विपिन भी जिला पंचायत सदस्य हैं। वे गत चुनाव की भांति इस बार भी इंतजार में हैं कि जहां से दिग्गज खड़े हों, वे वहीं से मैदान में उतरें।

लोकसभा चुनाव में विशाल बहुमत हासिल करने वाली भाजपा यहां से अभी तक एक भी उम्मीदवार को मैदान में लाने का मन नहीं बना सकी। सांसद के दर्शन नहीं होते। संगठन पदाधिकारी बड़े नेताओं की उपेक्षा के शिकार हैं। दो-चार लोगों को छोड़ अधिकांश नेता अपने निजि काम या औपचारिकतावश लोगों के बीच देखे जा सकते हैं। सबसे अधिक सदस्यों का दावा करने वाली पार्टी को बैठकों के लिए भी पर्याप्त लोग नहीं मिल रहे। यही कारण है कि जिला पंचायत चुनाव में यहां भगवा ब्रिगेड संघर्ष को साहस नहीं जुटा पा रही।

उधर पूर्व सांसद देवेन्द्र नागपाल इस चुनाव में दमदार प्रदर्शन की तैयारी में हैं।

-टाइम्स न्यूज़ अमरोहा.