नगर पालिका में व्याप्त भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी के कारण करोड़ों रुपये बुनियादी ढांचे को दुरुस्त करने के नाम पर ठेकेदारों और पालिका के नुमांइदों तथा भ्रष्ट कर्मचारियों की जेब में चले गये। परिणामस्वरुप भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी की भेंट चढ़ीं सड़कें समय पूर्व गड्ढों में तब्दील हो गयीं, नाले जल निकासी के बजाय कीचड़ के स्टोरों में तब्दील हो गये। नगर के जागरुक नागरिक शिकायतें करते-करते थक गये लेकिन पालिकाध्यक्ष अफसर परवेज और उनके अधीनस्थों ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। परेशान जनता ने मंडलायुक्त से यहां व्याप्त भ्रष्टाचार की शिकायत की जिसपर संज्ञान लेते हुए उन्होंने संयुक्त विकास आयुक्त शिवराज यादव के नेतृत्व में एक टीम भेजकर जांच का आदेश दिया।
यह टीम 23 जून को अमरोहा पहुंची और जांच शुरु कर दी। सबसे पहले जांच टीम ने निर्माण, टेंडर तथा धनराशि भुगतान संबंधी अभिलेख बरामद किये। इसी दौरान मोहल्ला मुल्लाना, दोनों आवास विकास कालोनियों, बदावला, किशनगढ़, वासुदेव रोड, मोतीनगर, अहमद नगर आदि 25 सड़कों की निर्माण सामग्री के सड़क तोड़कर नमूने लिए।
पृथम दृष्टया इनकी गुणवत्ता अधोमानक पायी गयी। वैसे भी गड्ढों में तब्दील तथा टूटकर बिखरी सड़कों को देखकर किसी गुणवत्ता या मानक परखने की जरुरत ही नहीं। वे अपनी कहानी खुद बयान कर रही हैं। कई अन्य स्थानों पर भी जांच की गयी। बदतर हालात के कारण डेढ़ सौ सड़कों के अभिलेख बरामद किये गये हैं।
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अफसर परवेज, पालिकाध्यक्ष अमरोहा. |
जलनिकासी न होने से नालियों में जमा गंदगी भी सड़कों पर जमा पानी में मिलने से पूरा नगर सड़े तालाबों का रुप ले लेता है। विकास के नाम पर आया धन पालिकाध्यक्ष, इ.ओ., ए.इ, और ठेकेदारों की जेबों में चला जाता है। इस तरह के आरोप बार-बार लोग लगाते रहे हैं। शहर के हालात इन आरोपों की पुष्टि कर रहे हैं। अब जांच टीम को चाहिए कि वह अमरोहावासियों को न्याय दिलाये।
-टाइम्स न्यूज़ अमरोहा.