योग के मसले पर उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री आजम खां का कहना है कि योग किसी प्रकार का धर्म नहीं है, बल्कि एक तरह की कसरत है. इसे लेकर जो लोग धर्म का बीज बोने की कोशिश में लगे हैं, वे सही नहीं कर रहे.
उन्होंने आगे कहा कि जब गरीब को भूख लगेगी, उसके लिए रोटी का इंतजाम कौन करेगा?
दरअसल आजम खां का सीधा निशाना मोदी सरकार पर था.
आजम एक कार्यक्रम में शामिल होने बिजनौर आये थे.
पीएम नरेन्द्र मोदी पर वे बोले कि देश के बादशाह ने बनारस में एक रुपया भी खर्च नहीं किया. एक साल बीत गया लेकिन वहां के लोग आस लगाये बैठे हैं.
वे आगे बोले कि बनारस में विकास दाड़ी वाले बादशाह ने नहीं, बल्कि टोपी वाले ने कराया है. वहां की सड़कें, गलियां विकास होने की गवाह हैं.
काले धन पर आजम ने कहा कि देश के राजा ने गरीबों को सपने दिखाये. कहा कि सरकार बनने पर 100 दिन में काला धन वापस ला दूंगा. 20 लाख रुपये खाते में आयेंगे. एक साल बीत गया लेकिन काला धन वापस नहीं आया.
नरेन्द्र मोदी के कपड़ों पर निशाना साधते हुए आजम ने कहा कि बादशाह दिन में दस बार लिबास बदलता है. विश्व में दूसरा कोई नेता ऐसा नहीं करता.
21 जून के योग कार्यक्रम पर वे बोले कि दिल्ली में योग का हिस्सा गरीब-मजदूर नहीं होंगे. वहां भी बड़े ही लोग योग करेंगे. गरीब योग करेगा या बच्चों के लिए कमायेगा.
सबसे बड़ी बात उन्होंने कही कि योग करने के बाद पेट की भूख ओर बढ़ती है. गरीब, मजदूर महंगा भोजन कहां से खरीदेगा.
‘बेटियों से प्यार की बातें हवाई’
आजम खां ने कहा कि देश के बादशाह की बेगम परेशान है. राजा रानी को पहले घर लाओ. बाद में बेटियों से प्यार दिखाओ. बादशाह बेटियों से प्यार की बातें हवा में ही करता है.साक्षी महाराज पर उन्होंने आरोप लगाया. फिर कहा कि भाजपा इस तरह बहू-बेटियों को सम्मान देती है.
-टाइम्स न्यूज़ बिजनौर.