दीपक जैन हत्याकांड : राज अभी बाकी हैं

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भले ही दीपक जैन हत्याकांड और पंकज जैन के आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने कानूनी कार्रवाई कर अपने दायित्व की इतिश्री कर ली लेकिन इस वीभत्स कांड का मूल कारण अभी भी रहस्य बना हुआ है। लोग एक-दूसरे से सवाल कर रहे हैं कि इस घटना के पीछे की हकीकत क्या है?

यह तो सभी मानकर चल रहे हैं कि जैन बंधुओं के साथ अरुण सिद्धू और उसके सहयोगियों ने वास्तव में बहुत ही घृणित तथा क्रूरतापूर्वक कृत्य किया है। यह भी लोगों को भरोसा है कि अवैध धंधों के जरिये अकूत संपत्ति अर्जित करने वाला ऐसा आदमी किसी भी सीमा तक जा सकता है। घटना के बाद अगले दिन पुलिस के सामने जिस प्रकार आतंकित पंकज जैन पहले कुछ भी नहीं बता पाया और बाद में पुलिस द्वारा साहस बंधाने पर उसने जो कहा उसमें भी उसने कुछ न कुछ छुपाया था। लगता है अपने सामने क्रूरता की हदें पार करने वाले बहशी दरिंदों ने उसे इतना आतंकित कर दिया था कि कहानी कहते-कहते वह बीच में ही तड़प उठा था तथा शब्द उसकी जुबान से बाहर नहीं निकले।

वास्तव में पूरी रात अज्ञात स्थान पर नशे में धुत बहशी लोगों के बीच यातनायें सहने वाला, उसी दौरान अपनी आंखों के सामने यातनाओं से तड़पते अपने छोटे भाई को मौत के मुंह में देखने वाला, अकेला, अनजान लोगों के बीच भला किसी से कह भी क्या सकता है। हो सकता है पुलिस ने अपनी सुविधानुसार सबकुछ लेखबद्ध किया है।

कुछ भी हो जैन बंधुओं के साथ जो कुछ हुआ वह गजरौला को शर्मसार करने वाला है। लोग चाहते हैं पुलिस इसकी तह तक जाये और क्षेत्र के लोगों को संतुष्ट करे कि वह घटना की तह तक जाकर हकीकत उसके सामने रखेगी।

-टाइम्स न्यूज़ गजरौला.

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