ओलावृष्टि से बर्बाद किसानों को नहीं मिला मुआवजा

compensation of farmers

सरकार की ओर से ओलावृष्टि की मार की भरपाई के लिए किसानों को मुआवजा दिया जा रहा है। काफी किसानों को मुआवजा राशि मिल भी चुकी लेकिन अभी बहुत से किसानों को एक भी पैसा नहीं मिला जबकि राशि वितरण और फसल क्षति सर्वे में फर्जीवाड़े या धांधली के लगातार समाचार मिल रहे हैं। लेखपाल और राजस्व विभाग के कई अन्य कर्मचारियों की शिकायतें हैं। जिनका संज्ञान होने के बावजूद जिला मुख्यालयों से कोई कार्यवाही या उन्हें  रोकने का प्रयास नहीं किया जा रहा।

शिकायतों में कई लेखपालों द्वारा किये सर्वे को राजनैतिक दबाव में सबसे बाद फीड किया गया। जबकि बहुत से गांवों के किसानों को अभी तक एक भी रुपया नहीं मिला।

अमरोहा जिले के कई किसानों को अभी तक एक भी रुपया नहीं मिला। अमरोहा जिले के कई किसानों के दो-दो खातों में मुआवजा आया है। ऐसे लोग भी हैं जिनके पास जमीन ही नहीं उन्हें भी मुआवजा मिल गया जबकि कई ऐसे किसान भी हैं जो फसल चौपट होने के बाद भी मुआवजे को तरस रहे हैं जिन्होंने लेखपाल से सर्वे कराकर फसल क्षति दर्ज करायी थी। इसमें अमरोहा के छीतरा गांव के सभी किसान मुआवजा मिलने से अभी तक वांछित हैं।

बताया जा रहा है कि जिले के दोनों मंत्री अपने चहेते गांवों को पहली किश्तों की राशि दिलाने का राजस्व विभाग पर दबाव बना चुके। ऐसे गांवों की सूचियां तहसील मुख्यालयों से पहले फीड कर शासन को भेजी गयीं जबकि दूसरे गांवों की सूचियां बाद में भेजी गयीं। उन गांवों को इसी कारण अभी तक मुआवजा नहीं मिल पाया। यह भी चरचा है कि मुआवजा राशि खत्म होने का बहाना कर ऐसे गांवों का मुआवजा रद्द भी किया जा सकता है।

जो हालात अमरोहा जनपद के हैं, कमोबेश ऐसे ही हालात पूरे सूबे के हैं, अमरोहा एक बानगी भर है। इस अनियमितता पर आयेदिन समाचार पत्र लिख रहे हैं। सूबे की सपा सरकार इस बारे में कुछ भी संज्ञान लेने का प्रयास नहीं कर रही। इस तरह की गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ ऐसे में कुछ होने का सवाल ही नहीं उठता। ऊपर से ढोल पीटे जा रहे हैं सूबे की सपा सरकार किसानों के लिए बहुत काम कर रही है। सत्ता के नशे में चूर सपा नेताओं की नींद कुरसी से गिरने के बाद ही टूटेगी।

-जी.एस.चाहल.