किसान समस्या : समाधान नहीं सिर्फ आश्वासन

amroha farmers facing problem

गन्ना भुगतान को लेकर किसान रोज मांग कर रहे हैं। उन्हें आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिल रहा। वे वरिष्ठ अधिकारियों से मिलते हैं, उन्हें अपना दुखड़ा सुनाते हैं और प्रदर्शन कर वापस लौट आते हैं। वहां उन्हें आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिलता।

उधर बिजली की समस्या से भी किसान बहुत परेशान हैं। उनकी फसलें चौपट हो रही हैं। समय से बिजली न मिलने के कारण खेत सूख रहे हैं।

किसानों की समस्याओं को प्रदेश सरकार और केन्द्र सरकार दोनों ओर से अनदेखा किया जा रहा है। उनकी सुनवाई किसी सरकार द्वारा नहीं की जा रही।

भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष चौधरी उम्मेद सिंह के नेतृत्व में किसानों ने डीएम को ज्ञापन सौंपा। मांग की कि गन्ना भुगतान लंबा वक्त निकल जाने के बाद भी चीनी मिलों की ओर से नहीं किया गया।

किसानों का कहना था कि उनके स्थिति विकराल हो गयी है। उन्हें कहीं से भी आशा की किरण नजर नहीं आ रही। हर तरफ परेशानी ही परेशानी है।

उन्होंने कहा कि बिजली की समस्या से निजात दिलाने की मांग करते-करते वे आजिज आ चुके हैं। महज आश्वासन के उन्हें कुछ नहीं मिला।

वहीं भाकियू भानु गुट के प्रदेश महासचिव चौधरी दिवाकर सिंह ने भी किसानों की समस्याओं को रखा। उन्होंने कहा कि असमय बरसात से चौपट हुई गेहूं की फसल का उचित मुआवजा नहीं मिला। लेखपालों द्वारा उसमें धांधली की गयी है। उन्होंने डीएम से इस मसले पर कठोर कार्रवाई करने की मांग की।

राकिमसं के पश्चिमी उत्तर प्रदेश अध्यक्ष उपेन्द्र सिंह ने कहा कि बिजलीघरों पर ओवरलोड की समस्या गहराई हुई है। बिजली व्यवस्था चरमरा गयी है।

अमरोहा के किसान मुखर हैं। वे अपनी समस्याओं को लेकर अधिकारियों से मिल रहे हैं।

सबसे बड़ी बात यह है कि स्थानीय नेताओं का उन्हें साथ नहीं मिल रहा। खासकर जनप्रतिनिधि किसानों से अपना पन्ना झाड़ रहे हैं। वे उनके किसी भी आंदोलन में शामिल होने से बच रहे हैं।

-टाइम्स न्यूज़ अमरोहा.