गजरौला के गणमान्यों तथा युवा नागरिकों की मांग पर नगर पंचायत अध्यक्ष तथा समस्त सभासद नगर के प्रमुख स्थानों पर सार्वजनिक शौचालय बनाने को पिछले दिनों तैयार हो चुके थे। यह उन्होंने लोगों के लगातार बढ़ते दबाव के कारण फैसला लिया था। नगर पंचायत अध्यक्ष के आश्वासन पर लोग ठंडे पड़ गये। जिससे एक बार यह प्रकरण शांत हो गया। इस समय इस मामले में कहीं भी कोई हलचल नहीं है जबकि हमको जिले भर के कई नागरिकों ने संदेश भेज कर यह जानकारी चाही है कि शौचालय बनने शुरु हुए या नहीं। इनमें कई समाजसेवी तथा समाज में गहरी पैठ वाले लोग हैं।
अमरोहा से कांग्रेस के पुराने नेता और प्रखर अंबेडरवादी हरि सिंह मौर्य ने कहा है कि गजरौला में सार्वजनिक शौचालयों की सबसे अधिक जरुरत है। टाइम्स में पिछले दिनों पढ़ा था कि नगर पंचायत जल्दी ही वहां कई शौचालय बनवाने जा रही हैं। हाल ही में वहां गया तो कहीं भी कोई शौचालय निर्माणाधीन नहीं मिला। नगर पंचायत को तो अबतक वहां यह काम करना चाहिए था। उन्होंने हरपाल सिंह चेयरमेन से इस दिशा में तेजी से काम करने का आग्रह किया है।
मंडी धनौरा से डा. बीएस जिंदल ने कहा है कि महिलाओं को गजरौला में बड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। कहीं भी जाओ यह नगर केन्द्र होने के कारण आवागमन का प्रमुख स्थान है। चारों ओर आम आदमी आता जाता है। जहां वाहनों के इंतजार में खड़ा होना पड़ता है। विशेषकर भोरकाल में लोगों को प्रायः शौच आदि की दिक्कत होती है। गजरौला के मुख्य मार्गों पर इस तरह की सुविधा तत्काल होनी जरुरी है।
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बछरायूं के सपा नेता चौ. शकीलउद्दीन वारसी ने कई बार गजरौला में शौचालयों की मांग की है। उनका कहना है कि आयेदिन इस नगर में देश भर के छोटे-बड़े नेता गुजरते हैं। चारों ओर लोगों को आने जाने का यह खास स्थान है फिर भी सार्वजनिक शौचालय जैसी मूलभूत आवश्यकता की कमी बेहद शर्म की बात है। यह और भी हैरत की बात है कि खुले में शौच के लिए पाबंदी की जरुरत पर जोर दिया जा रहा है और गजरौला नगर अध्यक्ष इसे बढ़ावा देने पर तुले हैं। उन्हें प्रधानमंत्री की बात को तो गंभीरता से लेना ही चाहिए।
युवा बसपा नेता डा. सोरन सिंह ने कहा है कि नगर पंचायत अध्यक्ष को महिलाओं के सम्मान की यदि थोड़ी भी चिंता हो तो उन्हें तुरंत शौचालय बनवाने चाहिएं। मैंने थाना चौक और स्टेशन रोड सहित कई स्थानों पर लोगों खासकर महिलाओं को जरुरत पर परेशान हालत में देखा है। नगर पंचायत अध्यक्ष को शर्म आनी चाहिए कि उन्हें गजरौला में खोखों आदि की आड़ में क्रिया निवृत्त होने को मजबूर होना पड़ता है। यदि शीघ्र ही शौचालय निर्माण नहीं कराया गया तो लोग अध्यक्ष के घेराव को बाध्य होंगे। यह दिक्कत बाहरी लोगों के सामने अधिक है। लेकिन कई स्थानीय लोगों को मजबूरीवश अपने शौचालयों के द्वार ऐसे मजबूर लोगों के लिए खोलने पड़ते हैं। सब लोग ऐसे भी नहीं होते।
मंडी धनौरा के ही लप्पी चौधरी ने भी गजरौला में शीघ्र शौचालयों की मांग दोहरायी है। वे कई बार इस संबंध में अपनी बात रख चुके हैं। उन्होंने कहा है कि नगर के सभी वार्डों में सभासदों का भी घेराव किया जाना चाहिए। यदि सभासद चाहें तो अविलंब यह काम हो सकता है। उन्होंने क्षेत्रीय नवयुवकों का आहवान किया है कि वे नगर पंचायत को इसके लिए बाध्य करें। गजरौला कूच के लिए तैयार इसके लिए फॉर्मूला होगा।
-टाइम्स न्यूज़ गजरौला.