जिला पंचायत के चुनाव में जातिगत आरक्षण की सूची जारी होने से पूर्व ही हलचल शुरु हो गयी है। कुछ वार्डों में तो उम्मीदवारी के इच्छुक नेताओं ने हालात का जायजा लेकर धीमे-धीमे चुनावी रणनीति की भूमिका बनानी शुरु कर दी है। वैसे तो सभी वार्डों में अधिकांश उम्मीदवारों के नाम आगे आने शुरु हो गये लेकिन कई वार्ड ऐसे हैं जहां उम्मीदवार खुलकर मैदान में उतर रहे हैं। वार्ड नं.8, 9, 10, 11 और 12 में ऐसी ही स्थिति है। वार्ड 11 में सबसे अधिक उम्मीदवार खुलकर मैदान में हैं। हो सकता है जून के बाद यहां एक दो और भी नया नाम इस सूची में शामिल हो जाये।
वार्ड 11 में इस समय मौजूदा जिला पंचायत सदस्य चौ. वीरेन्द्र सिंह, पूर्व सदस्य तथा सपा अल्पसंख्यक मोरचा के प्रदेश सचिव उमर फारुख सैफी, बीडीसी सदस्य चौ. कामेन्द्र सिंह, नगर पंचायत के ठेकेदार जाफर मलिक, कई दलों के पूर्व नेता बलवीर सिंह कश्यप तथा पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष इंदिरावती के बेटे निरंजन सिंह चुनावी दंगल की तैयारी में हैं।
चौ. वीरेन्द्र सिंह बसपा के घोषित उम्मीदवार हैं। उन्हें पार्टी ने यहां जाट, जाटव तथा अल्पसंख्यक मतों के कारण मैदान में उतारा है। वे पिछला चुनाव दलित+अन्य के सहारे जीते थे। वे इस बार भी यही गणित लेकर चलेंगे।
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सपा ने अभी अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया। उमर फारुख और कामेन्द्र सिंह दोनों ही अपनी-अपनी उम्मीदवारी पक्की बता रहे हैं। यह जाहिर है कि इससे सपा मतदाताओं में बेचैनी है। उमर फारुख का दावा है कि वे पहले भी इस क्षेत्र से जीत चुके हैं इसलिए उनका टिकट पक्का होना चाहिए लेकिन उस समय फारुख बसपा में थे और ओंकार सिंह से बमुश्किल चालीस मतों से जीत सके थे।
हाल ही में चुनावी दंगल में कूदने को मन बनाने वाले बलवीर सिंह कश्यप उपरोक्त सभी उम्मीदवारों से उम्रदराज हैं तथा बसपा और भाजपा दोनों ही दलों में अपनी आयु के चालीस बसंत समर्पित कर चुके। क्षेत्र के ही वर्ग का बच्चा बूढ़ा और जवान उन्हें पहचानता है। इस बार वे निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में चुनाव लड़ना चाहते हैं। वे किसी दल विशेष के बजाय अपने संबंधों के बल पर मैदान में आयेंगे।
जाफर मलिक नगर पंचायत ठेकेदार हैं। उन्होंने पसमांदा मुस्लिमों का एक संगठन भी बनाया है। जिसके सहारे वे गजरौला नगर पंचायत का चुनाव लड़ने की अभी से तैयारी कर रहे हैं। वैसे वे एक बार नगर पंचायत सभासद का चुनाव हार चुके हैं। उसके बाद यहां से उन्होंने कोई चुनाव नहीं लड़ा। वे वार्ड 11 में अपनी मजबूती का दावा कर चुके हैं तथा चुनावी मूड में हैं। वे निर्दलीय ही मैदान मारने की सोच रहे हैं।
निरंजन सिंह रालोद उम्मीदवार हैं। वे अपनी माता इंदिरावती तथा पिता बलवीर सिंह के सहारे कामयाबी की हसरत पूरी करने की उम्मीद रखते हैं। इस प्रकार यहां से बसपा चौ. वीरेन्द्र सिंह, सपा से कामेन्द्र सिंह को, बलवीर सिंह कश्यप को भाजपा के कई नेता समर्थन देना चाहते हैं। नगर युवा भाजपा गजरौला के अध्यक्ष सोनू कश्यप ने खुले तौर पर उनका चुनाव लड़ाने का एलान कर दिया है। कांग्रेस से अभी कोई सामने नहीं है।
वार्ड दस से अभी चौ. भूपेन्द्र सिंह ही मैदान में
चौ. भूपेन्द्र सिंह युवा सपा नेता हैं जो पूर्व सांसद देवेन्द्र नागपाल के कट्टर समर्थक हैं। वे वार्ड दस से मैदान में आ गये हैं। उनकी दमदार मौजूदगी से अभी कोई दूसरा नाम इस वार्ड में आगे आने का साहस नहीं जुटा पाया। उनके समर्थकों का कहना है कि भूपेन्द्र यहां काफी लोकप्रिय हैं अतः वे भारी सफलता प्राप्त करेंगे। वैसे अक्टूबर तक चुनाव होने हैं अतः तबतक देखते हैं उनके सामने कौन-कौन से चेहरे मैदान में उतरते हैं।कय्यूम भी लड़ेंगे जिला पंचायत चुनाव
जिला पंचायत के वार्ड नौ से कय्यूम खां मैदान में हैं। वे वार्ड 11 से भी खड़े हो सकते हैं। कय्यूम खां कांग्रेस पार्टी के पुराने कार्यकर्ता रहे हैं जो कुछ दिन पूर्व उसे अलविदा कह चुके। वे क्षेत्र में सपा नेता आजम खां का कार्यक्रम भी करा चुके। इससे जाहिर होता है कि वे सपा में जाना चाहते हैं। वे यहां मजबूत पैठ होने का दावा कर चुके। खादर में उनके काफी समर्थक हैं।-टाइम्स न्यूज़ अमरोहा.