पाशा के पहुंचते ही धनौरा पालिका में भी घोटाला

kamil pasa EO corruption

नगर पंचायत गजरौला में चौहानपुरी में हुए सड़क घोटाले की तर्ज पर यहां भी नगर पालिका में बनी बनाई सड़क को दोबारा बनी दिखाकर लाखों का घोटाला करने के प्रयास का मामला सामने आया है। दो पूर्व सभासदों ने इस घोटाले का भंडोफोड़ करते हुए जिलाधिकारी से शिकायत की है। डीएम ने इसपर तुरंत संज्ञान लेते हुए सारे प्रकरण की जांच एडीएम को सौंपी है। गजरौला के इ.ओ. कामिल पाशा को मंडी धनौरा का अतिरिक्त कार्यभार सौंपने के बाद इस घोटाले को अंजाम देने से स्पष्ट हो गया है कि इ.ओ. अपनी गजरौला वाली तकनीक को मंडी धनौरा में भी लागू करने लगे लेकिन उन्हें पता नहीं था कि यह मंडी धनौरा है जहां घोटाला करना उतना आसान नहीं जितना गजरौला में। इस शहर में राजेन्द्र सिंह और सुरेश कुमार जैसे मजबूत पूर्व सभासद भी हैं और जरुरत पड़ने पर इन समाज सेवियों के साथ नगर के और भी बहुत से लोग खड़े हो जायेंगे।

मो. कामिल पाशा गजरौला में 13 वर्षों से कार्यरत हैं। इस दौरान यहां न जाने कितने घोटालों और अधोमानक निर्माण आदि की शिकायतें शासन और प्रशासन तक की गयीं

दोनों पूर्व सभासदों राजेन्द्र सिंह और सुरेश कुमार ने 24 जून को जिलाधिकारी को एक ज्ञापन दिया जिसमें उल्लेख था कि नगर के मोहल्ला सुभाष नगर, वार्ड 4 में डा. रामकिशन के मकान से छत्रपाल दरोगा के मकान तक होते हुए वीर सिंह तथा सतपाल के मकान तक टाइल्स सड़क बनी हुई है। इस बनी बनाई सड़क का 17 जून को टेंडर खोलकर नयी सड़क का निर्माण दिखाने की तैयारी कर दोबारा से एस्टीमेट तैयार कर लिया गया। तीन लाख चालीस हजार के एस्टीमेट के साथ रकम हड़पने की तैयारी कर ली गयी।

पूर्व सभासदों ने इस घोटाले की जांच की मांग कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

ज्ञापन में दर्ज शिकायत को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने एडीएम को जांच सौंपी है। साथ ही जल्द रिपोर्ट मांगी है।

गजरौला में इ.ओ. के खिलाफ सभी जांच औपचारिकता सिद्ध हुईं

मो. कामिल पाशा गजरौला में 13 वर्षों से कार्यरत हैं। इस दौरान यहां न जाने कितने घोटालों और अधोमानक निर्माण आदि की शिकायतें शासन और प्रशासन तक की गयीं। कई सभासदों ने बतौर सबूतों के शिकायतें कीं। जांच आयीं। ठीक इसी तरह, जिस तरह मंडी धनौरा सड़क घोटाले की। एडीएम या एसडीएम ने कई बार जांच की।

गजरौला के लोग जानते हैं कि आरोप ठीक थे। परंतु यह भी पता नहीं चला कि कब जांच हो गयी और क्या रिपोर्ट लग गयी? हर कोई कह रहा है कि भ्रष्ट लोग इतना कमा लेते हैं कि वे जांचकर्ताओं को भी भ्रष्टाचार में शामिल करके बच निकलते हैं।

यहां के चौहानपुरी में पक्की सड़क पर सड़क बनाकर धन हड़प लिया गया। डीएम तक लिख कर दे गये कि इसका पैसा दोषी सभासद से वसूला जाये और उसकी सदस्यता समाप्त की जाये लेकिन सभासद का पैसा भी नहीं मरा और न ही सदस्यता गयी बल्कि उसे और बड़े-बड़े ठेके दे दिये गये। ऐसा करने की महारत ट्टतेरह वर्षीय’ इ.ओ. को ही है। अब इस अधिकारी के पहुंचते ही यदि मंडी धनौरा नगर पालिका में भी कागजों में सड़क बनाने की तैयारी कर ली गयी तो कौन सी बड़ी बात है?

मंडी धनौरा पालिका के लोगों को इस भ्रष्टाचार को रोकने में पूर्व सभासदों का साथ देना चाहिए तथा पालिका अध्यक्ष राजेश सैनी को भी अपनी बेदाग छवि कायम रखने के लिए वास्तविक भ्रष्टाचारियों को बेनकाब करने के लिए जांचकर्ता का साथ देना चाहिए। हरपाल सिंह की तरह छवि खराब नहीं करनी चाहिए।

-गजरौला टाइम्स न्यूज़ मंडी धनौरा/गजरौला.


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