बंदरों का उत्पात थम नहीं रहा

थम-नहीं-रहा-बंदरों-का-उत्पात

बंदरों से आम लोग आजिज आ चुके हैं। आयेदिन बंदरों के हमले हो रहे हैं। लोग घायल हो रहे हैं। महिलाओं और बच्चों पर सबसे अधिक खूंखार हुए हैं बंदर। उनका उत्पात बढ़ता जा रहा है।

जिला व्यापारी सुरक्षा फोरम समिति ने डीएफओ जीएम खुशारिया को ज्ञापन सौंपा जिसमें बंदरों से निजात दिलाने की मांग की है।

व्यापारियों का कहना है कि बंदरों के उत्पात से हर किसी का सुख-चैन छिन गया है। वे आयेदिन लोगों को परेशान करते रहते हैं। किसी पर भी हमला बोलने से नहीं चूकते। लोग घायल हो जाते हैं। बंदरों के कारण जीना दुश्वार हो गया है। सभी इससे निजात चाहते हैं।

साथ ही व्यापारियों ने कहा कि जिले में पेड़ों का अवैध कटान किया जा रहा है जिससे पर्यावरण पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। इस कारण प्रकृति को भारी क्षति पहुंच रही है।

उन्होंने कहा कि अवैध तौर पर चल रही आरामशीनों को भी बंद किया जाना चाहिए। साथ ही कहा कि पौधों की सुरक्षा के लिए गार्ड उनकी नियमित देखभाल करें ताकि पौधे सुरक्षित रह सकें। उन्होंने कहा कि पौधारोपण किया जाना चाहिए।

वन विभाग नहीं उठा रहा कोई कदम

वन विभाग की ओर से बंदरों से निजात दिलाने के कोई कदम नहीं उठाये गये। दिखावे को कुछ समय पहले कुछ बंदरों को पिंजरा लगाकर जंगल में भेजा जरुर गया लेकिन वे वापस लौट आये। उसके बाद विभाग मौन साध गया।

लोगों का कहना है कि वन विभाग ने बंदरों से निजात दिलाने में कुछ नहीं किया। वनकर्मी तो दूसरे कार्यों में उलझे रहते हैं जिनका विभाग से कोई मतलब ही नहीं।  

—टाइम्स न्यूज़ अमरोहा.