मूंढ़ाखेड़ा विवाद शीघ्र नहीं सुलझा तो बात बढ़ जायेगी

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ग्राम मूंढाखेड़ा की शांति व्यवस्था खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुकी है। भारतीय किसान यूनियन (भानु) तथा भगवा संगठन पुलिस प्रशासन पर वर्ग विशेष पर भेदभाव का आरोप लगा रहे हैं। जबकि जिला प्रशासन स्थिति पर बारीकी से नजर गड़ाये है। गांव में सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल तैनात है। यदि समय रहते समस्या का समाधान नहीं हुआ तो मूंढाखेड़ा का विवाद जनपद के दूसरे  गांवों तक भी फैल सकता है।

जिले के लगभग एक दर्जन गांव काफी समय से आपसी विवादों के कारण संप्रदायिक हिंसा जैसी स्थिति में पहुंच चुके हैं। कई गांवों में अभी भी पुलिस  निगहबानी है और अंदर से मामला पूरी तरह शांत नहीं है। कई तत्व इस तरह के हालात में विवाद को बढ़ाकर दंगे कराने के प्रयास में रहते हैं। कई स्थानों पर लोगों को शांति भंग की आशंका में कानूनी कार्यवाही की जद में लाया गया है। परंतु एक भी गांव में असली समस्याओं को या तो समझने का प्रयास नहीं किया गया अथवा राजनीतिक दबाव में समस्या को पूरी तरह नहीं सुलझाया गया। त्रिस्तरीय पंचायत सिर पर होने के कारण जिला प्रशासन के लिए शांति व्यवस्था कायम रखना बड़ी चुनौती है।

मूंढाखेड़ा की समस्या को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। जिला प्रशासन को राजनीतिक दबाव को दरकिनार का स्व विवेक से समस्या का स्थायी समाधान करना होगा। अभी समस्या अधिक जटिल नहीं लेकिन समय रहते समाधान नहीं हुआ तो यह विकराल भी हो सकती है।

-टाइम्स न्यूज़ मंडी धनौरा.