बरसाती मौसम में सूखे की मार झेल रहे क्षेत्र के लोगों को जहां से राहत मिली वहीं गैर मानसूनी बरसात से नगर के अधिकांश इलाकों में हुए भराव से लोगों की परेशानी बढ़ गयी हैं। साथ ही नगर पंचायत द्वारा बेतरतीब तथा अधोमानक सामग्री से बनी सड़कों, नाले और नालियों में बरबाद किये करोड़ों रुपयों की हकीकत भी सामने आ गयी। इस तरह के निर्माण करते समय अधोमानक सामग्री की तो आम शिकायतें रही हैं साथ ही लापरवाही का यह आलम रहा है कि जल निकासी तक का ध्यान नहीं रखा गया। यही कारण है कि थोड़ा बरसते ही पानी नालों के बजाय कहीं और बह रहा है। फाजलपुर में इसी साल बने नाले के टूटने से सारा पानी बिजलीघर में भरता रहा। रेतीली भूमि होने के कारण पानी सूख गया। यदि मानसूनी बारिश तेज हुई तो यहां अच्छा खासा तालाब बन जायेगा। पशु चिकित्सालय परिसर में भी पानी भर गया।
टीचर्स कालोनी, अतरपुरा, लक्ष्मीनगर, हाइवे के दोनों ओर बसी आबादी के आसपास निकलना दूभर है। यहां नाले होने के वावजूद जल निकासी नहीं हो पा रही। सभासद हरजीत सिंह ने नाला सफाई में व्याप्त धांधली का जो आरोप नगर पंचायत पर लगाया था वह इस बरसात ने सच साबित कर दिया। वास्तव में नाला सफाई के नाम पर औपचारिकता निभाई गयी है।
नगर पंचायत सबसे अधिक पैसा नाले, नाली और सड़कों पर खर्च किया जा रहा है। ठेकेदारों पर आपसी विवाद भी हुए हैं। धांधली की शिकायतें भी खूब हुई हैं लेकिन 13वें वर्षों से यहां जमे बैठे इ.ओ. की उच्च स्तरीय सांठगांठ के कारण सभी प्रकरण ठंडे पड़ जाते हैं। नगर पंचायत अध्यक्ष भी इ.ओ. को ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। अतः वे भी इ.ओ. का स्थानांतरण यहां से नहीं होने देना चाहते।
-टाइम्स न्यूज़ गजरौला.