नेपाल में पर्यटन उद्योग को पनपने में लम्बा समय लगेगा

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नेपाल में भूकंप से वहां के पर्यटन उद्योग को सबसे अधिक क्षति पहुंची है. ताज़ा सरकारी रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले आंकडे सामने आये हैं. 25 अप्रैल और उसके बाद के भूकंप से पर्यटन उद्योग को अबतक करीब 43 बिलियन रूपये का नुकसान हुआ है.

विनाशकारी भूकंप के कारण होटल, टूर ऑपरेटर, मंदिर, मठ, ट्रेकिंग रास्तों, आदि को भारी क्षति हुई है.

1600 के लगभग होटल क्षतिग्रस्त हुये हैं. राजधानी काठमांडू में ३०० होटल तबाह हुए हैं.

344 आश्रय स्थलों को नुकसान हुआ है जो 17.2 मिलियन रूपये बैठता है.

मंत्रालय की ओर से जरी आंकड़ों के अनुसार 1500 मठ, मंदिर और मस्जिद क्षतिग्रस्त हुआ हैं जिनके नुकसान की कीमत 120 मिलियन रूपये के करीब है.

नेपाल में वहां के लोगों के लिए पर्यटन आमदनी का प्रमुख स्रोत है. भूस्खलन का खतरा अभी बना हुआ है.

ट्रेकिंग एजेंटों का कहना है कि भूकंप ने हमारी रोजी रोटी पर संकट ला दिया है. पहले लगता था कि स्थिति बेहतर हो सकती है लेकिन 25 अप्रैल के बाद कई भूकंप आये हैं जिनसे लगता है कि यहां पर्यटन उद्योग को पनपने में लम्बा समय लगेगा.

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2013 में नेपाल में 8 लाख के आसपास पर्यटक आये थे.

लांगतांग घाटी में भूकंप का सबसे अधिक असर हुआ है. 53 शवों को 6 जून को वहां से निकला गया है.

नेपाल में 25 अप्रैल और 12 मई के भूकंप से मरने वालों की संख्या 8700 से ज्यादा हो चुकी है. घायलों की तादाद भी हजारों में है.

-गजरौला टाइम्स के लिए शेखर सिंह की रिपोर्ट.