औद्योगिक क्षेत्र के बीच एक खेत से बरामद शव ने गजरौला में हचलचल मचा दी है। शव की स्थिति, समय और स्थान से माना जा रहा है कि यह शव किसी कैमीकल फैक्ट्री के कर्मचारी का है, जिसे फैक्ट्री में दुघर्टना में मौत पर बाहर जाकर ठिकाने लगाया गया है।
रविवार को यहां की नामचीन फैक्ट्री जुबिलेंट लाइफ साइंसेज लि. में छह मजदूर एक प्लांट में विस्फोट के बाद कैमीकल से झुलस कर बुरी तरह घायल हो गये थे। उन्हें गंभीर हालत में मेरठ भर्ती कराया गया था। चार मजदूरों को मंगलवार को अस्पताल से छुट्टी मिल गयी जबकि दो अभी भी आनंद हॉस्पिटल में गंभीर हालत में हैं।
इस घटना के बाद यह शव मिलना, शव जुबिलेंट के पास रेलवे लाइन पार कर दूसरी ओर खेत में छुपा मिलना, उसकी मौत भी रविवार हाल ही हुई लग रही है। शव की हालत यही बयां कर रही है। कैमीकल से सना तथा झुलसा शरीर, चोटों आदि के विशेष चिन्ह न होना। एक सेफ्टी बेल्ट भी बंधी होना। इस तरह के बेहद मजबूत प्रमाण हैं, जो मृतक को कैमीकल कंपनी का मजदूर तथा काम के दौरान मौत की ओर संकेत दे रहे हैं।
सवाल उठता है कि यह किस कंपनी का मजूदर था और कहां का रहने वाला तथा उसका नाम क्या था?
यह रहस्य उजागर होना आसान तो नहीं लेकिन नामुमकिन भी नहीं। आसानी इसलिए नहीं कि यहां की फैक्ट्रियों में बड़े पैमाने पर ठेकेदारी प्रथा में मजदूर काम करते हैं। जिनमें दूसरे राज्यों के मजदूर भी काम करते हैं। इनका चिट्ठा केवल ठेकेदार ही रखते हैं। किसी खतरनाक हादसे पर मौत होती है तो उसे छुपाने को सारे हथकंडे अपनाये जाते हैं।
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ठेकेदार अपने यहां उसका जो रिकॉर्ड रखता है वह एक कार्ड पर होता है जिसे नष्ट करना आसान होता है। फिर भी पुलिस चाहे तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आदि आने के बाद बारीकी से शव बरामदगी से ईमानदार जांच करे तो हकीकत सामने आ सकती है।
उधर जुबिलेंट प्रबंधन इस शव से अपना कोई लेना-देना नहीं मानता। उसने पल्ला झाड़ लिया है। वैसे इस इकाई के अधिकांश कर्मचारी ठेकेदारों के ही मार्फत काम कर रहे हैं। कंपनी कर्मचारियों की संख्या बीते कई वर्षों से लगातार कम की जाती रही है। साथ ही यहां दुर्घटनाओं की संख्या में भी वृद्धि हो रही है।
-टाइम्स न्यूज़ गजरौला.