चोर-चोर मौसेरे भाई तो बिजली चोरी कैसे रुके?

electricity thief gajraula

गजरौला में जहां वैध कनैक्शन धारक लो वोल्टेज से परेशान हैं, वहीं कुछ लोग अवैध रुप से बिजली जला रहे हैं। सबसे बुरी बात यह है कि विद्युत चोरी में कई विद्युत कर्मी और पुलिस वाले भी शामिल हैं। इस तरह यहां लगभग तीस प्रतिशत बिजली चोरी हो रही है। कुछ पुलिस तथा विद्युत कर्मियों ने अपने परिवार के साथ किराये पर रहने वालों को भी बिना मीटर व अवैध कनैक्शन के बिजली आपूर्ति करा रखी है।

अधिशासी अभियंता तथा उपखंड अधिकारी को भी इस तरह के कनैक्शनों की जानकारी है, लेकिन वे जानबूझकर उनके खिलाफ कार्रवाई करने से कतराते हैं। एक बाबू ने तो यहां कई मकान बनाकर किराये पर दे दिये हैं जहां बिना वैध कनैक्शन के धड़ल्ले से बिजली चल रही है।

जब बिजली की चोरी रोकने वाले ही चोरी कर रहे हैं तो वे दूसरों को कैसे रोक सकते हैं। ये लोग खुद तो चोरी करते ही हैं बल्कि बिजली चुराकर बेच रहे हैं।

चाहें अधिशासी अभियंता हों, उपखंड अधिकारी हों या अवर अभियंता पहले उन्हें विभागीय चोरों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी। तभी वे दूसरे लोगों को रोक पायेंगे।

एक रिटायर्ड लाइनमैन को चोरी करते पूछा तो उसका कहना था कि हम तो प्रति माह पांच सौ रुपयों की बिजली ही फूंकते हैं जबकि हमारे अधिकारी फैक्ट्रियों को लाखों की बिजली चोरी करके बेच रहे हैं।

इससे स्पष्ट हो जाता है कि चोर-चोर मौसेरे भाई हैं तो बिजली चोरी कैसे रोकी जा सकती है?

-टाइम्स न्यूज़ गजरौला.

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