गंगा के खादर में चकनवाला के पास जिस पेंटून पुल को पक्के पुल में तब्दील करने की मांग हो रही है, यह पूरा क्षेत्र हस्तिनापुर वन्य जीव क्षेत्र है। पुल आदि निर्माण के लिए यहां राज्य वन्य जीव बोर्ड तथा राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड की स्वीकृति जरुरी है। इसके लिए नवयुवकों ने कागजी कार्रवाई चला रखी है। जिसके सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं। दोनों बोर्डों की बैठकों के बाद प्रमुख वन संरक्षक, वन्य जीव(उ.प्र.) ने सात बिंदुओं से आवेदन कर्ताओं से जानकारी व प्रमाण मांगे हैं जिसके बाद काम आगे बढ़ेगा। यदि हमारे जन प्रतिनिधि इस सिलसिले में अपना सहयोग देते तो यह काम सरल और कभी का हो जाता।
इस क्षेत्र में भट्टे, कोल्हू या क्रेशर भी नहीं लगाये जा सकते और खनन पर पूरी तरह प्रतिबंध है लेकिन सारे कायदे-कानूनों को धता बताते हुए वे जारी हैं और जनहित के काम के लिए विभागीय अधिकारी हजार पेचीदगियां बता रहे हैं। यही कारण है कि बरसों से यह प्रार्थना पत्र इधर से उधर पुल निर्माण की स्वीकृति को धक्के खा रहा है।
गजरौला के बिजली विभाग के कुछ तानाशाह अधिकारियों की हठधर्मिता के कारण निर्माणाधीन ओवरब्रिज अधर में लटका है।
पुल निर्माण की अड़चनें अपने स्तर से दूर करने में जुटी यूथ ब्रिगेड
क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की बेरुखी से नाराज नवयुवक काफी समय से पुल निर्माण के लिए स्वयं ही जद्दोजहद में जुटे हैं। उन्होंने इसके लिए एक टीम के जरिये कानूनी लड़ाई शुरु कर दी है। इसी क्षेत्र के एक नवयुवक कय्यूम खां के सहयोग से उन्होंने बरेली के सांसद तथा केन्द्रीय मंत्री संतोष गंगवार की सिफारिश के जरिये पुल निर्माण को अनापत्ति प्रमाण पत्र का काम शुरु किया है। इसी का संज्ञान लेते हुए केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने वन विभाग को इस दिशा में शीघ्र कार्यवाही के लिए लिखा है।खादर की यूथ ब्रिगेड का कहना है कि वे पुल निर्माण को अब अपने स्तर से ही पूरा करायेंगे। इससे हमारे बीस गांवों के विकास का रास्ता खुलेगा। लोगों को राहत मिलेगी। इसी के साथ इलाके में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली और स्वच्छ पेयजल जैसी सभी जरुरतों पर गंभीरता से ध्यान देंगे। खादर में खुशहाली का प्रयास होगा।
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-टाइम्स न्यूज़ गजरौला.