विदेशी फास्ट फूड निर्माता कंपनी केएफसी द्वारा प्रयुक्त खाद्य तेल का नमूना जांच में फेल हो गया है। यहां स्थित इस कंपनी के रेस्टोरेंट में इससे पहले दही और बटर भी खाने योग्य नहीं पाये गये थे। खाद्य और औषधि विभाग अब केएफसी के खिलाफ केस दर्ज कर कानूनी कार्रवाई कर रहा है।
नेशनल हाइवे स्थित डोमिनोज पिज्जा का नमूना भी अधोमानक पाया गया था। गजरौला में भानपुर मोड़ के पास इस तरह के कई विदेशी फूड केन्द्र खुल गये जिससे स्थानीय ग्राहक भी यहां आने लगे हैं।
जांच के खुलासे के बाद लोगों को समझ जाना चाहिए कि केएफसी और डोमिनोज के इन फूड सेंटरों पर कुछ भी खाना सेहत के लिए कितना खतरनाक हो सकता है।
जो खाद्य सामग्री यहां परोसी जा रही है वह किसी भी तरह स्वास्थ्य के लिए लाभकारी नहीं बल्कि कई घातक व भयंकर रोगों को निमंत्रण देने वाली है। यहां नवयुवकों में ब्लड प्रेशर, शुगर तथा हृदय रोागें की बाढ़ आयी है। वह इस तरह के रेस्तराओं का भोजन एक बड़ा कारण है। समझदार लोगों को इस प्रकार के पाश्चात्य भोजन का खुलकर विरोध करना चाहिए।
बच्चों, किशोरों और नवयुवकों को सादा शाकाहारी देसी भोजन ही करना चाहिए। यह खाद्य मानसिक उत्तेजना और चिड़चिड़ापन भी बढ़ा रहा है। पता नहीं इसमें हमारी युवा पीढ़ी को बरबाद करने के लिए क्या—क्या मिलाया जा रहा है। यहां बनने वाले सभी पदार्थों तथा उनमें मिलाये जाने वाली चीजों की एक साथ ईमानदारी से जांच की जरुरत है। हो सकता है तेलों, बटर और दही से भी घटिया तथा घातक सामग्री परोसी जा रही हो।
दोषी पाये जाने पर इन रेस्टोरेंटों के संचालकों को सख्त सजा हो और इन्हें बिल्कुल बंद किया जाना चाहिए।
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-टाइम्स न्यूज़ गजरौला.
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