अमरोहा जिले में कुपोषण के शिकार बच्चों की तादाद काफी है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि अधिकारियों द्वारा गोद लिये गांवों में भी कुपोषित बच्चे पाये गये हैं। इससे अधिकारियों पर भी सवाल उठ रहे हैं कि उन्होंने उस ओर कोई ध्यान क्यों नहीं दिया? उनपर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए क्योंकि वे जिम्मेदार पदों पर आसीन हैं। कहने में कोई हर्ज नहीं कि वे विफल रहे।
डीएम वेदप्रकाश ने जिले के विकास कार्यों की समीक्षा की तो कई गंभीर बातें खुलकर सामने आयीं।
राज्य पोषण मिशन पर चर्चा की गयी तो जिलाधिकारी काफी निराश हुए। उनकी निराशा वाजिब थी।
यह भी सामने आया कि अधिकारी स्वयं निरीक्षण न कर अपने प्रतिनिधियों आदि से निरीक्षण करवा रहे हैं। इसपर डीएम ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि वे ऐसा न करें। यदि आगे ऐसा किया गया तो उनका वेतन रोक लिया जायेगा।
लेकिन डीएम को चाहिए था कि ऐसे अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए गलती पर उन्हें तुरंत बर्खास्त किया जाये।
निरीक्षण प्रगति रिपोर्ट के लिए 15 जुलाई तक का समय दिया गया है।
जिले में कुपोषण की स्थिति
राज्य पोषण मिशन के तहत इस साल मई तक अमरोहा जिले में कुल 1,81,660 बच्चों का वजन किया गया। 3,646 बच्चे गंभीर तौर पर कुपोषित पाये गये जबकि 48,958 आंशिक रुप से कुपोषण का शिकार पाये गये हैं। 1,29,256 बच्चे जिले में सामान्य हैं।
-टाइम्स न्यूज़ अमरोहा.
Tags:
amroha news