मूंढ़ाखेड़ा प्रकरण : 25 जुलाई तक का अल्टीमेटम

mundakhera village loudspeaker

मूंढ़ाखेड़ा प्रकरण अभी शांत नहीं हुआ। कुछ राजनीतिक संगठन सक्रिय हो गये हैं जिनके कारण मामला गंभीर बना हुआ है। हालांकि प्रशासन धार्मिक भावनाओं को देखते हुए गंभीर है और हर गतिविधि की अपडेट ले रहा है। वह नहीं चाहता कि मामला तूल पकड़े।

विश्व हिन्दू महासंघ के नेताओं ने ग्रामीणों के साथ मिलकर डीएम से इस मसले पर बातचीत की है। भारतीय जनता पार्टी के जिले के नेता गांव वालों के साथ खड़े हैं। समय-समय पर विभिन्न संगठनों द्वारा प्रदर्शन भी किया गया है।

ग्रामीणों का कहना है कि मूंढ़ाखेड़ा विवाद के बाद जिन लोगों पर मुकदमा किया गया था उसे वापस लिया जाना चाहिए। उनके अनुसार सभी बेकसूर हैं।

वहीं ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि अधिकारियों ने गलत तरीके से उनके साथ व्यवहार किया। ऐसे अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

जिलाधिकारी वेदप्रकाश से बातचीत के बाद भाजपा के जिलाध्यक्ष गिरीश त्यागी ने बताया कि डीएम ने मुकदमे वापस लेने की बात कही है। एसपी को मामले की जांच करने के निर्देश भी दिये हैं।

विश्व हिन्दू महासंघ ने कहा है कि 10 जुलाई तक मांग पूरी न होने पर 15 जुलाई से अनिश्चतकालीन धरना और प्रदर्शन किया जायेगा।

उधर मूंढ़ाखेड़ा और आसपास के ग्रामीणों ने भी चेतावनी दी है कि 22 जुलाई तक मामला नहीं सुलझा तो वे 25 जुलाई से धरना-प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे।

क्या था मामला?
गांव मूंढ़ाखेड़ा में स्थित झारखंड शिव मंदिर पर लाउडस्पीकर बजाने को लेकर दूसरे समुदाय को आपत्ति थी। उन्होंने मंदिर पर लाउडस्पीकर बजाने का विरोध किया।

गांव वालों का कहना है कि पुलिस ने एक पक्षीय कार्रवाई करते हुए बेकसूर लोगों पर मुकदमा दर्ज कर लिया है।

-टाइम्स न्यूज़ अमरोहा.

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