विशेष सत्र न्यायाधीश ने जनवरी 2011 में हुए शारीरिक शोषण के एक मामले में तीन लोगों को कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई। उनमें एक महिला भी है। तीनों पर तीन लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया है।
एक किशोरी अपने परिजनों के साथ दिल्ली से आजमगढ़ जा रही थी। अमरोहा रेलवे स्टेशन पर रेलगाड़ी रुकने पर वह पानी लेने उतरी तो उसी दौरान गाड़ी छूट गयी। वह स्टेशन से बाहर आ गयी। वहां उसकी मुलाकात अमरोहा के मोहल्ला वासुदेव की गुड्डी से हुई। गुड्डी ने किशोरी को बातों में उलझा लिया तथा उसे अपने घर ले गयी।
बताया जाता है कि वहां उसका शारीरिक शोषण किया गया। बाद में उसे कैलसा के रहने वाले नेत्रपाल सैनी को बेच दिया गया। नेत्रपाल ने उसके साथ कई दिनों तक दुष्कर्म किया।
किशोरी को फिर डिडौली के पूरनपुर गांव के पूर्व प्रधान होतेराम को बेच दिया गया। वहां भी किशोरी का शारीरिक शोषण हुआ।
किसी तरह वह होतेराम के चंगुल से छूटकर भाग निकली। नेत्रपाल और होतेराम ने उसका पीछा किया। रेलवे स्टेशन पर दोनों ने किशोरी को पकड़ लिया। इसी दौरान वहां हंगामा हो गया जिससे दोनों भाग निकले। बाद में किशोरी से देहात पुलिस ने पूछताछ की। उसने सारा वाकया बता दिया।
पुलिस ने गुड्डी, नेत्रपाल और होतेराम के खिलाफ 5 फरवरी को केस दर्ज किया। तीनों को जेल भेज दिया गया। बाद में उन्हें जमानत भी मिल गयी लेकिन अदालत में मामला चलता रहा।
30 जून 2015 को विशेष सत्र न्यायाधीश बीडी भारती ने फैसला करते हुए तीनों अभियुक्तों को कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई। उनपर भारी जुर्माना भी लगाया गया है।
गुड्डी पर एक लाख चौदह हजार और नेत्रपाल तथा होतेराम पर 1.19 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है।
-अमरोहा से गजरौला टाइम्स के लिए मोहित सिंह.