आप मानें या न मानें लेकिन मो. कामिल पाशा जैसे इ.ओ. के निर्देशन में यहां के सभी राशन कार्डों में बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सभी लोगों की जन्मतिथि यहां एक जनवरी दर्ज कर दी है। यानि यहां हर मां अबतक पहली जनवरी को ही संतान उत्पन्न करती आ रही है। इ.ओ. अजीबो गरीब पाशों के माहिर हैं।
नये बने राशन कार्ड में पूरे परिवार के सदस्यों की जन्म तिथि एक ही दर्ज है। बाप-बेटा, मां-बेटी या कोई भी, सारे परिवार के सदस्य नगर पंचायत के कार्ड के अनुसार चलें और उन्हें अपना जन्मदिवस मनाना हो तो आसान कर दिया है, सभी एक दिन मना सकते हैं।
केवल एक परिवार के सदस्य ही नहीं बल्कि लगता है, जो लोग गजरौला में निवास करते हैं, वे सारे के सारे एक जनवरी के दिन ही भगवान के घर से दुनिया में भेजे गये हैं। हमारा नगर पंचायत कार्यालय तो यही मानता है।
नये बने सारे कार्डों में जन्मतिथि, सभी लोगों, बच्चों से लेकर बड़ों तक की एक जनवरी ही दर्ज कर दी है।
इ.ओ. से इस बाबत कुछ लोगों ने शिकायत भी की तो उन्होंने इसे पूरी तरह उसी प्रकार अनसुना कर दिया जैसे वे अधिकांश मामलों में करते हैं और चेयरमेन हरपाल सिंह इ.ओ. के सामने कुछ कहने को ही तैयार नहीं।
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राशन कार्डों पर अधिकांश फोटो की जगह केवल काला धब्बा है। लगभग सभी कार्डों पर आधे नाम गलत छपे हैं। कार्ड धारक का ठीक है तो पत्नि का, पिता या माता या बच्चों का गलत छपा है।
भारी त्रुटियों और कार्डों पर इ.ओ. को कोई आपत्ति नहीं। बाबू कहता है कि पूर्ति विभाग में जाओ। अब अमरोहा जाकर उस विभाग के चक्कर काटने को कहा जा रहा है जहां पहले ही भ्रष्टाचार का बोलबाला है। वर्षों में ये कार्ड बने हैं।
वर्षों इन्हें ठीक कराने में लगेंगे। उसमें भी क्या पता ठीक होंगे भी या नहीं। नगर पंचायत की गलती की सजा बेकसूर जनता को क्यों?
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—टाइम्स न्यूज़ गजरौला.