सेल्फी वाले पीएम और हमारी बेटियां

selfie wale pm

हमारे प्रधानमंत्री ‘सेल्फी वाले पीएम’ कहे जा सकते हैं। वे सेल्फी के दीवाने हैं। हर अवसर पर चाहें छोटा हो या बड़ा सेल्फी लेने से पीछे नहीं हटते। पीएम का सेल्फी प्रेम उन्हें देश की बेटियों तक खींच लाया।

अपने कार्यक्रम ‘मन की बात’ में नरेन्द्र मोदी ने कहा कि लोग अपनी बेटियों के साथ सेल्फी खींचे। तस्वीर को उन्हें भेजें। वे उसे ट्वीट करेंगे। उन्होंने अपनी वेबसाइट पर सेल्फी का कोलाज भी बनाया है।

हरियाणा के एक ग्राम प्रधान की सेल्फी का जिक्र उन्होने ‘मन की बात’ में भी किया था।

पीएम की मंशा साफ है कि वे अलग-अलग तरीके अपनाकर ‘बेटी अचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान को नये शिखर तक पहुंचाना चाहते हैं।

जब भी वे कोई नया कार्यक्रम शुरु करते हैं उससे विवाद चिपक जाता है। कभी-कभी वह उसके उलट भी हो जाता है।

सीपीआई की एक नेता कविता कृष्णन ने ट्वीट कर कह दिया कि पीएम को बेटियों का पीछा करने की आदत है। इसलिए लोग सोच समझकर बेटियों की तस्वीरें पोस्ट करें। इसपर हंगामा होना तय था। कुछ समय में ही ट्विटर पर एक तरह से युद्ध की स्थिति बन गयी।

कविता के विरोध में स्वर तेजी से फूटा तो काफी लोग उनका पक्ष लेते हुए भी नजर आये। कविता को गालियां भी खूब मिलीं। वे उनका स्वागत करती रहीं। जब ‘संस्कारी’ कहे जाने वाले आलोकनाथ ने उन्हें अपशब्द कहे तो आलोक नाथ भी घिर गये। बाद में कविता ने लिखा -‘क्या ये करेंगे बेटियों की रक्षा?’

सरकार के मंत्री और नेताओं के भ्रष्टाचार के मामलों पर पीएम मोदी ने एक शब्द नहीं कहा। विपक्ष ही नहीं देश की जनता भी सवाल कर रही है कि हर मुद्दे पर खुलकर बोलने वाले पीएम सुषमा, वसुंधरा और स्मृति, अब पंकजा मुंडे पर मौन क्यों साध गये हैं?

क्या इसका जबाव भी ‘समय’ आने पर सेल्फी से दिया जायेगा?

-हरमिन्दर सिंह.