शराब और मांस के कारोबारियों से दुखी मोहल्ले वाले

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रेलवे क्रासिंग 45सी के पास सड़क के दोनों ओर विशेषकर मोहल्ला अतरपुरा की एक बड़ी आबादी भयंकर गंदगी, दुर्गंध तथा नाइंसाफी का जीवन जीने को मजबूर है। यहां स्थित देशी शराब की दुकान, मांस कारोबारियों द्वारा फेंके पशुओं के अवशेष तथा नाले में सड़ रही गंदगी ने लोगों का जीवन दूभर कर दिया है। पूरी आबादी नारकीय जीवन के साथ बीमारियों का घर बनती जा रही है। लोगों की शिकायतों के बावजूद नगर पंचायत यहां की सफाई व्यवस्था की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा और न ही शराब और मांस के कारोबार को यहां से दूर ले जाने की कार्रवाई कर रहा है। फाटक पार करने वालों को यहां से गुजरने पर मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ता है।

सड़क के एक ओर शराब की दुकान, और दोनों ओर मुर्गे तथा सुअर के मांस की दुकानें बिना किसी पर्दे के धड़ल्ले से जारी हैं। बाजार के दिन तो तख्त लगाकर सड़कों के दोनों ओर फल के ठेलों की तरह ये लोग सड़क पर कारोबार बिछा लेते हैं। धर्मभीरु लोग मुंह दबाकर वहां गुजरते हैं। इन पशुओं के बचे अंगों को फाटक के पास भरे पानी में फेंक दिया जाता है जहां उनके सड़ने से पूरी आबादी बदबू से परेशान है। पूरा माहौल प्रदूषित हो चुका है। घरों में दरवाजे व खिड़कियां तक बंद रखकर जीने को मजबूर होना पड़ रहा है।

इस मार्ग पर मंदिर, मस्जिद तथा गुरुद्वारा है। इन संप्रदायों के लोग यहीं से होकर वहां जाते हैं जिससे उन्हें इन दुकानों के खुले आम चलने पर आपत्ति है। गंगा स्नान तथा कांवड़ वाले भी यहां से गुजरते हैं। यहां ओवरब्रिज का निर्माण होने के कारण मार्ग बंद है फिर भी लोगों को वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध न कराये जाने के कारण मजबूरी में यहां से होकर गुजरना होता है। ऐसे में स्थानीय आबादी के साथ राहगीरों को भी भारी दिक्कत है। यहां के लोगों ने शराब व मांस की दुकानों को कानूनी दायरे में नियंत्रित करने की नगर पंचायत से मांग की है।

-टाइम्स न्यूज़ गजरौला.

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