वार्ड 10 में सपा, बसपा और भाजपा में कांटे की टक्कर

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जिला पंचायत के सबसे चर्चित वार्ड 10 में इस समय सपा, बसपा और भाजपा में त्रिकोणात्मक मुकाबले की भूमिका बन गयी है। तीनों उम्मीदवारों के पति चुनावी अभियान में जुट गये हैं। साथ ही सभी अपने-अपने उम्मीदवार की विजय का दावा कर रहे हैं। बसपा ने अपने उम्मीदवार घोषित करने में सबसे अधिक समय जाया किया है। सपा इसके लिए सबसे आगे रही है। सपा की उठापटक के कारण बसपा का उम्मीदवार देर से घोषित किया जा सकता है।

वार्ड दस शुरु से ही चरचाओं में आ गया था। यहां भूपेन्द्र सिंह सबसे पहले सपा उम्मीदवार के रुप में मैदान में आये और उन्होंने मतदाताओं पर पकड़ भी बनायी। तभी अचानक अंशु नागपाल के मैदान में आने से यहां माहौल गरमा गया। इस सिलसिले में भूपेन्द्र को सपा से बाहर जाना पड़ा। वे सक्रिय रहे। जल्दी ही बसपा में चले गये। जबकि तभी अंशु नागपाल ने अध्यक्ष पद एससी में जाने की खबर से मैदान छोड़ दिया। सपा ने वेदपाल को मैदान में उतारा, उसका यह तीसरा उम्मीदवार था। बाद में वार्ड महिला आरक्षित होने पर वेदपाल की जगह सपा ने चौथी उम्मीदवार अनीता चौधरी को मैदान में उतारा।

इधर भूपेन्द्र सिंह को भी कम पापड़ नहीं बेलने पड़े, उन्हें घूम-फिर कर बसपा का दामन थामना पड़ा। अब उने स्थान पर उनकी पत्नि सरिता चौधरी को उम्मीदवार बनाने की कवायद हुई।

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एक ओर भाजपा में टिकट की रस्साखींच में धर्मेन्द्र सिंह उर्फ लालू सिंह को सफलता मिली। उनकी पत्नि मंजू चौधरी को भाजपा उम्मीदवार घोषित किया गया है। अब सपा, बसपा और भाजपा से तीन महिलायें मैदान में आ चुकीं। हो सकता है कोई निर्दल या किसी चौथी पार्टी की उम्मीदवार भी यहां से मैदान में आये परंतु सफल मुकाबला सपा, बसपा और भाजपा में ही होगा। तीनों ही दलों की उम्मीदवारों के सर्थक चुनाव प्रचार में जुट गये हैं। मतगणना ही फैसला देगी।

-टाइम्स न्यूज़ अमरोहा.

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