जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायतों के सदस्यों के चुनाव संपन्न हो गये। दोनों पंचायतों के अध्यक्षों के चुनाव ग्राम पंचायत चुनावों के बाद होंगे। उसके लिए निर्वाचन आयोग समय तय करेगा। सम्पन्न चुनावों में कई बड़े दिग्गजों को जनता ने धूल चटायी जबकि अधिकांश नये चेहरे सफलता हासिल करने में सफल रहे। दो पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मैदान में थीं जिनमें सकीना बेगम जीतने में सफल रहीं जबकि इंद्रवती बुरी तरह पराजित हुईं। जहां वरिष्ठ सपा नेता चन्द्रपाल सिंह की पुत्रवधु रेनू चौधरी कैबिनेट मंत्री महबूब अली के भतीजे की पत्नि को पराजित करने में सफल रहीं, वहीं सपा के जिलाध्यक्ष विजयपाल सैनी अपनी पत्नि जगवती को हार से नहीं बचा पाये। सपा के प्रदेश सचिव उमर फारुख सैफी के छोटे भाई अबरार सैफी वार्ड-13 में चौथे नम्बर पर धड़ाम हुए। यहीं विधायक अशफाक खां, ब्लॉक प्रमुख पति कावेन्द्र सिंह को भरपूर प्रयास के बाद भी पराजय से नहीं बचा पाये।
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जिला पंचायत के वार्ड दस की चर्चा सबसे अधिक थी। यहां से भूपेन्द्र सिंह की पत्नि सरिता चौधरी (बसपा समर्थित) भारी बहुमत से जीतीं। पूर्व सांसद देवेन्द्र नागपाल ने यहां से वेदपाल सिंह की पत्नि अनिता चौधरी को सरिता चौधरी के मुकाबले मैदान में उतारा था। उनके लिए उन्होंने पूरी ताकत झोंक दी थी। फिर भी उन्हें सफलता नहीं मिली। यहां केवल चार उम्मीदवार मैदान में थे लेकिन मुकाबला सपा, बसपा और भाजपा में ही था। भाजपा उम्मीदवार को सबसे कम मत मिले। सपा को तीन बार उम्मीदवार बदलने और भाजपा उम्मीदवार को देर से घोषित होने, किसी भी पार्टी नेता के उसके समर्थन में न आने, तथा निपनिया निवासी का लेबल लगने की सजा भुगतनी पड़ी जबकि तीनों उम्मीदवार अच्छे लोग हैं। सरिता चौधरी के पति भूपेन्द्र को सबसे पहले से ही क्षेत्र में लोगों से तालमेल तथा बसपा के दलित मतों का उन्हें मिलना बड़ी जीत का कारण रहा।
-टाइम्स न्यूज़ अमरोहा.