इ.ओ. के कार्यकलापों की गंभीर जांच की जानी चाहिए। लोगों का यहां तक कहना है कि इ.ओ. की कमाई से उनके पिता आकिल मुन्ना संसदीय और विधानसभा चुनाव लड़ते आ रहे हैं। कई बार हारने के बाद भी वे लंबे खर्चे से चुनावों में भाग लेते रहे हैं।
लोगों के इस आरोप की भी जांच की जानी चाहिए। मामूली वेतन के चलते महंगी गाड़ियों में घूमना तथा यहां के महंगे होटलों में खाने का खर्च कहां से आता है? यह भी जांच का विषय है।
विवादित भूखण्ड में सभासदों से विवाद में इ.ओ. का यह कहना है कि मैं अकेला नहीं, दूसरे भी लेते हैं। यह स्वीकारोक्ति भी लेनदेन का प्रमाण है लेकिन यहां अवैध कब्जे कराने तथा ठेकों की कमीशनखोरी की जांच की जानी चाहिए। इससे इ.ओ. और उनके हमराहों की हकीकत का पता चल पायेगा।
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-टाइम्स न्यूज़ गजरौला.
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