विकलांग नहीं 'दिव्यांग’ कहा जाये

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पीएम नरेन्द्र मोदी के 'मन की बात' कार्यक्रम का पन्द्रहवां संस्करण बीत गया। इसमें उन्होंने हर बार की तरह भारत की जनता को रेडियो आकाशवाणी से संबोधित किया।

उन्होंने इसमें एक बात जो बहुत अहम थी और जिस पर आने वाले दिनों में चर्चा होगी वह यह कि विकलांग शब्द के बजाय 'दिव्यांग’ शब्द का प्रयोग किया जाये।

उन्होंने कहा कि कई लोग हादसे का शिकार होने के बाद अपना अंग गंवा बैठते हैं। जबकि कुछ जन्म से ही ऐसे होते हैं। उनके लिए हैंडीकैप या डिसेबल शब्द हम सुनते हैं। क्यों न अब हम 'दिव्यांग’ शब्द का प्रयोग करें।

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उन्होंने गांवों में बिजली पहुंचाने की बात कही। उन्होंने कहा कि भारत सरकार और राज्य की सरकारों ने गांवों में बिजली पहुंचाने का जब से संकल्प लिया है, गांव में बिजली पहुंचने की खबर आती रहती है। अभी तक व्यापक तौर पर मीडिया में इसकी चर्चा नहीं पहुंची है लेकिन विश्वास है कि मीडिया ऐसे गांवों में जरुर पहुंचेगा।

मोदी ने स्टार्टअप के संबंध में कहा कि हमें उसको भारत की आवश्यकतों के मुताबिक तब्दील करना है। हमारे नौजवानों के पास प्रतिभा है।

मन की बात का यह 15वां संस्करण इस साल का आखिरी था। इसकी शुरुआत 3 अक्टूबर 2014 से की गयी थी जब पीएम ने पहली बार आकाशवाणी से मन की बात की थी। पिछली मन की बात उन्होंने 29 नवंबर को की थी।

-टाइम्स न्यूज ब्यूरो.

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