जर्जर हालत में पहुंच चुकी राजकीय कृषि बीज भण्डार की इमारत किसी भी समय धराशायी हो सकती है। किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे विभागीय अधिकारी उसे खाली कराने का इंतजाम नहीं कर सके। यहां सेवारत कर्मचारी और बीज खरीदने आने वाले किसानों पर हर समय मौत का साया मंडराता रहता है। यही नहीं यहां के तंग मुख्य बाजार मार्ग से भी हर समय लोगों की भीड़ का आवागमन जारी रहता है। दुर्भाग्यवश यदि यह इमारत दिन में धराशायी हो गयी तो कर्मचारी और किसानों के साथ राह चलते कई बेकसूर बूढ़े, बच्चे और महिलायें भी चपेट में आ सकते हैं।
सम्बंधित खबर पढ़ें : धराशायी होने को है बीज भण्डार की बूढ़ी इमारत
भण्डार पर मौजूद बाबू राजवीर सिंह को जब इस बाबत अवगत कराया गया तो उसने बताया कि नगर पालिका से नई इमारत बनाने के लिए भूखण्ड मांगा था लेकिन वह भूमि उपलब्ध नहीं करा रही। इसी से नयी इमारत बनने को जो पैसा आया है वह बैंक में पड़ा है। कई बार लिखने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में वे कुछ नहीं कर सकते। उनसे पूछा कि नयी इमारत बनने तक किसी दूसरी इमारत को किराये पर क्यों नहीं लेते, यह भी तो किराये पर ही है, आखिर आप अपनी और किसानों की मौतों का इंतजार क्यों कर रहे हैं? बाबू ने कहा कि वे और प्रयास करेंगे और अपने उच्च अधिकारियों को लिखेंगे। इससे अधिक और कुछ नहीं कर सकते।
उल्लेखनीय है कि बरामदेदार दो कमरों के इस गोदाम के एक कमरे की छत गिरी पड़ी है तथा दूसरे कमरे और बरामदे की छत दरारें छोड़ रही है। प्लास्टर टूट कर गिर रहा है। ड्यूटी पर तैनात दो या तीन कर्मचारी माई के लाल सिर पर दिखाई दे रही मौत से बेखौफ पूरे दिन बरामदे में बैठे रहते हैं। एक किसान कह भी गया कि बड़ा सा बीमा करा लो।
-टाइम्स न्यूज़ गजरौला.
गजरौला टाइम्स के ताज़ा अपडेट प्राप्त करने के लिए हमारे फेसबुक पेज से जुड़ें.