बाबा रामदेव योग गुरु हैं, अब बिजनेस मैन भी कहलाते हैं। पहले लोगों को व्यायाम और आहार के बारे में बताते थे, अब अपने प्रोडक्ट्स बेच रहे हैं।
लेकिन बाबा विवादों में भी रहते हैं।
उन्हें सुर्खियों में रहने का शौक है या नहीं इसका पता नहीं, लेकिन वे चर्चा में रहते हैं। इसके पीछे उनके बिजनेस का भी हाथ होता है जिसके सामान बाजार में उपभोक्ताओं तक पहुंच रहे हैं।
मैगी पर बैन लगता है तो उसके पीछे बाबा रामदेव को अपने नूडल्स लाने की तैयारी की बात की चर्चा चल निकलती है। कालेधन पर बाबा जो पहले जी-जान लगाकर भाषण देते थे, बाद में बात को घुमाकर कहते हैं। उन्हें कालेधन की राशि का अनुमान भी था।
2014 ऐसा साल था जब रामदेव सबसे चर्चित रहे। नरेन्द्र मोदी के बाद वे ही सुर्खियां बटोर रहे थे।
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हाल में एक खबर आयी कि उनकी कंपनी के घी में फंगस मिला है। हरिद्वार में कुछ लोगों ने इसकी शिकायत की है। घी को जांच के लिए रुद्रपुर लैब भी भेजने की बात सामने आयी है।
रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने आरोपों को निराधार बताया है।
पहले भी रामदेव की एक दवा पर आरोप लगे थे। उसी तरह एक प्रोडक्ट में हड्डियां मिलाने पर जांच हुई थी।
मैं कई बार सोचता हूं कि बाबा तो सन्यासी हैं। भला वे लोगों को गलत सामान क्यों बेचेंगे। जबकि दूसरी नजर उनके बिजनेस मैन होने पर जाती है। उसके बाद मेरे विचार थोड़े बदल जाते हैं।
लेकिन फिर घूमकर सवाल आता है कि बाबा के साथ ही ऐसा क्यों होता है?
दूसरे बाबा भी तो हैं। मगर यहां एक बात सही है कि वे बाबा इनके जैसे चर्चित नहीं हैं।
-अनुज शर्मा
(ये लेखक के अपने विचार हैं)
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