किसान संगठनों को एक मंच पर लाने की कोशिश, जल्द ही तैयार होगी बड़े किसान आंदोलन की भूमिका

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भाकियू में विभाजन के बाद अस्तित्व में आये किसान संगठन भाकियू असली के राष्ट्रीय अध्यक्ष हरपाल सिंह किसान हितों को पूरा करने के उद्देश्य से संगठन की मजबूती चाहते हैं। इस सिलसिले में वे अमरोहा पधारे तथा प्रेस वार्ता के दौरान अपनी मंशा जाहिर की। मदीपुरा निवासी वीरेन्द्र सिंह को मण्लाध्यक्ष नियुक्त किया। उन्होंने कहा कि हर गांव में दस-दस युवकों की टास्क फोर्स तैयार कर आरपार की लड़ाई लड़ेंगे।

भाकियू नेता ने प्रदेश और केन्द्र दोनों ही सरकारों को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि इन्होंने किसानों के साथ छल किया है। चुनाव में किये वादे पूरे नहीं किये तथा अन्नदाता को वादे के मुताबिक पचास फीसदी लाभ नहीं दिया जा रहा बल्कि धान निर्यात पर पाबंदी लगा दी जिससे 2013 में जिस धान का मूल्य तीन हजार रुपये कुंटल था वह अब गिरकर बारह सौ रुपये हो गया। पहले बोनस भी दिया जाता, जिसे बंद कर दिया।

उन्होंने कहा कि जिस सरकार ने किसानों को सहूलियत और उचित दाम का वादा किया था, उस सरकार ने तो किसान की कमर ही तोड़ कर रख दी।

हरपाल सिंह ने कहा कि दोनों सरकारों को किसानों की बदौलत ही बहुमत मिला, जिसके बदले में किसानों को छला जा रहा है और पूंजीपति उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाया जा रहा है।

किसान नेता ने कहा कि देशभर के तमाम सगठनों को एक मंच पर लाकर फरवरी में सुनियोजित ढंग से आरपार की लड़ाई लड़ी जायेगी। उन्होंने किसान नेताओं के राजनीति में भाग लेने से असहमति जतायी।

-गजरौला टाइम्स डॉट कॉम अमरोहा.