दूध की तीसरी बड़ी कंपनी राजनीतिक कारणों से डूबने के कगार पर

दूध की तीसरी बड़ी कंपनी राजनीतिक कारणों से डूबने के कगार पर

भारत में दूध की एक बड़ी कंपनी कई समस्याओं से जूझ रही है। उसकी हालत बेहद खस्ता होती जा रही है। उसे लगातार घाटा हो रहा है जिससे उबरने के लिए उसके पास कोई विकल्प मौजूद नहीं है। इकॉनामिक टाइम्स के अनुसार कंपनी की यह हालत वहां चल रहे राजनीतिक कारण हैं।

कर्नाटक कॉपरेटिव मिल्क प्रडयूसर्स फेडरेनशन यानि केसीएमपीएफ(KCMPF) भी कभी अमूल की तर्ज पर शुरु हुई थी। यह कंपनी अपनी गुणवत्ता और बेहतर प्राडक्ट्स के लिए जानी जाती है।

दूध की एक बड़ी कंपनी केसीएमपीएफ के डूबने के कई कारण हैं :

1. कर्नाटक की यह सहकारी कंपनी अमूल की तरह शुरु हुई थी। 40 साल हो गये इस कंपनी को, लेकिन राजनीतिक उठापटक के कारण कंपनी की निर्भरता सरकार पर बढ़ती चली गयी।
2. कंपनी ने जो दूध के दाम तय किये हैं, उससे न किसान खुश हैं और न ग्राहक।
3. दूध की मात्रा उपलब्ध होने के बाद भी कंपनी ने बड़ा बाजार तैयार नहीं किया।
4. कंपनी के लिए सरकार के पास कोई योजना नहीं है जो उसे बार सके। भारी सब्सिडी देकर ही कंपनी को बचाया जा सकता है।

अमूल और मदर डेयरी के बाद केसीएमपीएफ भारत में तीसरे स्थान पर आती है। नंदिनी इसका सबसे प्रतिष्ठित ब्रांड है।

कहां-कहां करती है कंपनी दूध सप्लाई

1.इसकी दूध सप्लाई कर्नाटक के आसपास के राज्यों में तो होती है साथ ही जम्मू-कश्मीर से लेकर पूर्वोत्तर राज्यों तक कंपनी का दूध जाता है।
2. कंपनी तिरुपति मंदिर को भी दूध उपलब्ध कराती है।
3. सैन्य बलों को कंपनी मिठाईयां और मिल्क पाउडर देती है।
4. 70 मिल्क प्राडक्ट्स बनाने वाली यह कंपनी मुंबई में भी अपनी जमीन तैयार करने की सोच रही है, मगर राजनीतिक हालात के कारण कंपनी बदहाल होने के कगार पर है।

-गजरौला टाइम्स डॉट कॉम के लिए मोहित सिंह.