समाजवादी पार्टी की जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव को लेकर उलझन कम नहीं हुई है। वो अलग बात है कि पार्टी की ओर से 33 अध्यक्ष निर्विरोध चुने गये हैं। इसकी खुशी जरुर वह मना सकती है। मगर जहां से उन्होंने नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया या उनके स्थान पर दूसरे को टिकट दिया, वह सपा के लिए आने वाले समय में खासकर विधानसभा चुनाव में बहुत बड़ी रुकावट बन सकता है।
बिजनौर का मामला पेचीदा होता जा रहा है। वहां विधायक रुचिवीरा के समर्थक सपा से खासे खफा नजर आ रहे हैं। विधायक को पार्टी से निष्कासित किया जा चुका है। उन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष की अपने पति के लिए दावेदारी करने की सजा मिली। उनके समर्थकों ने सपा से जिला पंचायत अध्यक्ष पद के प्रत्याशी के नामांकन के दौरान जमकर मारपीट की।
पुलिस की ओर से बिजनौर के कई नेताओं व रुचिवीरा समर्थकों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किये हैं। सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष जमील अंसारी पर नहटौर थाने में जिला पंचायत सदस्य कल्पना के अपहरण का केस दर्ज हुआ वहीं उनके साथियों के खिलाफ भी गंभीर केस लगाये गये हैं।
मेरठ की बात की जाये तो वहां भी सपा और भाजपा एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं कि जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव को लेकर धमकी और मुकदमे दर्ज करने का अभियान चलाया जा रहा है।
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-गजरौला टाइम्स डॉट कॉम.
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