भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी राम मंदिर के मुद्दे को बार-बार उठाने से खुद को रोक नहीं पा रहे। विपक्ष इस नेता को बड़े गौर से देख रहा है। साथ में राम मंदिर का विरोध करने वाले भी स्वामी पर पैनी नजर बनाये हुए हैं।
सुब्रमण्यम स्वामी उन लोगों को भी निशाना बना रहे हैं जो उसे भाजपा का चुनावी मुद्दा मानते हैं।
वे खुलकर कह रहे हैं कि भाजपा का यह चुनावी मुद्दा नही हैं। यह तो लोगों की आस्था से जुड़ा हुआ है।
राम मंदिर पर दिल्ली यूनिवर्सिटी में सेमिनार का विरोध हुआ था। उन्हें सुब्रमण्यम स्वामी ने असहिष्णु बताया।
आरएसएस के विचारक ने इस मौके पर कई ट्वीट किये।
उन्होंने लिखा,'जो लोग मालदा की घटना पर सड़क पर नहीं उतरे वे राम मंदिर के सेमिनार करने सड़क पर आ रहे हैं। यह है वामपंथ और कांग्रेस कथा।’
राम मंदिर का मुद्दा धीरे-धीरे जोर पकड़ रहा है। इसमें कोई दो राय नहीं कि आने वाले दिनों में इसमें तेजी आयेगी।
जिस तरह भाजपा और अन्य हिन्दूवादी संगठन इसे लेकर गंभीर हैं उससे लगता है कि राम मंदिर निर्माण की चर्चा गरम रहेगी।