प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी में रविदास मंदिर के दर्शन किये। वहां उन्होंने लंगर चखा। उधर आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल भी वाराणसी में रविदास जयंती के मौके पर अपनी मौजूदगी दर्शायेंगे। समाजवादी पार्टी पहले से ही दलितों को लुभाने का प्रयास कर रही है। उधर मायावती पूरी कोशिश में जुटी हैं कि कहीं उनका मजबूत कहा जाने वाला दलित वोट बैंक दूसरी पार्टियां छीनकर न ले जायें।
उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। भारतीय जनता पार्टी आश्वस्त है कि 2017 के लिए उसकी दावेदारी मजबूत होती जा रही है। वह मौके-मौके पर लाभ लेने से पीछे नहीं हटना चाहती। रविदास जयंती का मौका उनके लिए एक बेहतर अवसर सिद्ध हो सकता है। पार्टी दलितों को लुभाने का हर हथकंडा अपना रही है। वो अलग बात है कि दलित वर्ग अभी भी मायावती से दूर नहीं गया है। मगर बसपा के लिए खतरे की घंटी तो है ही।
पीएम मोदी ने श्री रविदास मंदिर में मत्था टेका और लंगर चखा। ये तस्वीरें सरकारी टेलीविजन पर सीधी प्रसारित हो रही थीं।
विपक्ष आरोप लगा रहा है कि पीएम का चुनावी साल में दलित प्रेम जागृत हो रहा है।
वाराणसी के रविदास मंदिर का दलितों में बहुत महत्व है। साथ ही यहां दूसरे समुदायों के लोग भी रविदास जयंती के अवसर पर भारी संख्या में जुटते हैं। पंजाबी समुदाय भी इस कार्यक्रम में दूर-दूर से आकर शिरकत करता है।
जैसे-जैसे चुनाव का समय नजदीक आता जायेगा उत्तर प्रदेश में नेताओं के दौरे बढ़ते जायेंगे। वो अलग बात है कि चुनाव के बाद सभी पार्टियां मानो गायब हो जायेंगी।