UP ELECTION 2017 : टीपू को फिर सुल्तान बनाने में जुटी सपा

tipu-as-akhilesh-yadav

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के चार साल युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्व में पूरे हो गये हैं। 2012 में बड़ी आशाओं के साथ समजवादियों ने 'टीपू' को उत्तर प्रदेश का 'सुल्तान' मनोनीत किया। लोहियावादी होने का दंभ भरने वाले इन मुलायमवादी समाजवादियों ने राज्य की प्रगति के दावे किये थे। बसपा सरकार के चन्द घोटाले चरचाओं में आने के कारण लोग बसपा के खिलाफ हो गये थे। बसपा को सबक सिखाने के लिए सपा को उसका बेहतर विकल्प मानकर लोग सपा के साथ खड़े हुए थे। जबकि सत्ता मिलते ही सपा नेता मान बैठे थे कि जनता ने उन्हें कुछ भी करने का जनादेश दे दिया है।

इन चार साल में सपा ने राज्य की जनता को कितना संतुष्ट या असंतुष्ट किया उसे भुक्तभोगी जनता ही सबसे बेहतर जानती है। वह चार साल बसपाविहीन तथा केन्द्र के दो साल यूपीए विहीन, देख और भुगत चुकी।

tipu-is-akhilesh-yadav-cm

विधानसभा चुनाव में एक साल है। ऐसे में सपा फिर से अपने 'टीपू' को 'सल्तान' बनाने की जीतोड़ कोशिश करेगी। इसे उसका संविधान सम्मत हक है। इसी के साथ बसपा को लग रहा है कि पिछले मौसम के मुताबिक उसका नम्बर है। वह भी अब पूरी तैयारी में है तथा लोकसभा चुनाव में दरके अपने परम्परागत दलित वोट बैंक को एक करने में एड़ी चोटी का जोर लगाने में जुट गयी है। लेकिन उत्तर प्रदेश के मतदाता क्या सपा और बसपा को ताकत देंगे? इस सवाल का जबाव अभी नहीं मिलने वाला।

देश की सत्ता शिखर पर विराजमान भाजपा हर हाल में देश के सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य में कमल खिलाना चाह रही है। वह सारी ताकत यहां झोंकने का मन बना चुकी। पार्टी प्रमुख अमित शाह भाजपा और उसकी भगवा ब्रिगेड के साथ पूरा खाका तैयार कर चुके। फैसला उत्तर प्रदेश के मतदाताओं के हाथ है, वही बतायेंगे कि -बोल तेरे साथ क्या सलूक किया जाये?

उधर कांग्रेस भी उत्तर प्रदेश के लिए छटपटा रही है। वह इतनी कमजोर हो चुकी है कि गठबंधन के कुनबे को विस्तार देने के लिए कई दलों के दरवाजे पर दस्तक दे रही है। नितीश कुमार और अजीत सिंह को साथ लेने की नीति पर मंथन हो रहा है। कांग्रेस को दो मोरचों पर काम करना पड़ता है। गठबंधन तथा चुनावी तैयारी।

चारों ताकतों में सपा ब्रिगेड का प्रचार चल पड़ा है। मायावती ने भी अपने घुड़सवार मैदान में उतार दिये। भाजपा तैयारी में है तथा कांग्रेस कुनबा जोड़ने में जुट गयी है। देखते हैं अगले साल सपा का 'टीपू' सुल्तान होगा या नहीं।

-जी.एस. चाहल.