भगत सिंह पर राजनीति में एक नयी बहस छिड़ चुकी है। इसका श्रेय जाता है कांग्रेस के नेता शशि थरुर को। यह वही थरुर हैं जो मौका देखकर विवादित बयान दे सकते हैं।
इस बार शशि थरुर ने सरदार भगत सिंह के समक्ष एक छात्र नेता कन्हैया को खड़ा कर दिया है जिसपर बहस होनी जायज थी। भगत दूसरा कोई हो नहीं सकता और कन्हैया से क्या तुक बैठता है, यह समझ से परे है।
कांग्रेस को घिरता देखकर उनके प्रवक्ता बचाव की मुद्रा में आ गये। कई बार बचाव में वे हंसी के पात्र भी बनते-बनते बचे। एक टीवी शो में जब कांग्रेसी प्रवक्ता से पूछा गया कि वे बतायें कि भगत सिंह ने देश के लिए क्या योगदान दिया था, तो वे कन्नी काटते नजर आये। इससे स्पष्ट हुआ कि कांग्रेस बुरी तरह घिर चुकी है। जबकि भाजपा के प्रवक्ता जो बात कहने आये थे, कह गये।
भारतीय जनता पार्टी के शाहनवाज हुसैन ने कहा कि कन्हैया की भगत सिंह से तुलना करना देशभक्तों का अपमान है।
बात सही है, क्योंकि भगत सिंह खास थे। उनकी किसी से तुलना नहीं की जा सकती। समझ नहीं आ रहा कि कांग्रेसी नेता थरुर को इसमें क्या राजनीतिक लाभ नजर आया कि वे बोल बैठे।
लेकिन इससे भाजपा को बैठे-बिठाये नया मुद्दा मिल गया है, जिसका वे लाभ लेना शुरु कर चुके हैं।