कुपोषण को लेकर अमरोहा जिले में अफसरों द्वारा माथापच्ची जारी है। ऐसा लगता है कि यह आगे भी जारी रहेगी क्योंकि अफसरों के द्वारा गोद लिये गांवों में कुपोषित बच्चों की हालत में सुधार नहीं आया है। सवाल उठाये जाते हैं कि इसमें अफसरों की लापरवाही है या मामला कुछ ओर है।
सीडीओ शिव कुमार मिश्र ने कुपोषण को अभिशाप बताया। वे मानते हैं कि कुपोषण को जन-जागरुकता से रोका जा सकता है।
अफसर अपने गोद लिये गांवों की सेल्फी लेंगे जिससे वहां के बारे में सही जानकारी मिल सके। सेल्फी के जरिये गांवों में कुपोषण मिटाने की मुहिम से आगे कितना सुधार होता है, यह समय बतायेगा।
बच्चों की जांच रिपोर्ट एक मोबाइल एप के जरिये वेबसाइट पर अपलोड की जायेगी। यह कार्य 1 अप्रैल से चालू होगा। अफसरों को यह निर्देश दिया गया है कि वे इस कार्य में कतई भी ढिलाई न बरतें।
कहा गया है कि अमरोहा जिले में 22400 कुपोषित बच्चों को चिन्हित किया गया है। इनमें 9400 बच्चे अति कुपोषित पाये गये हैं जबकि 3500 कुपोषण से उबर रहे हैं।
सीडीओ मिश्र ने कहा कि ग्राम विकास अधिकारी, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां, आशा, ग्राम पंचायत व अन्य कर्मचारी कुपोषण के मुद्दे को गंभीरता से लें और इसके लिए सजग रहें। लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
अधिकारियों के गोद लिये गांवों में कुपोषण के शिकार बच्चे अधिक संख्या में मिले थे। उसके बाद से हालात में कोई विशेष सुधार नहीं आया है। इससे खुद-ब-खुद लापरवाही और आरामपसंदी जाहिर हो जाती है। सिर्फ बैठकों और वार्तालापों से कुपोषण दूर नहीं हो सकता। सेल्फी लेकर किस तरह से कुपोषण दूर होगा, यह देखने वाली बात होगी।