एमएलसी चुनाव में सपा उम्मीदवार परवेज अली ने अपनी प्रमुख प्रतिद्वंदी भाजपा उम्मीदवार आशा सिंह को 4434 मतों से हराया। परवेज को कुल 5170 तथा आशा को मात्र 734 मत ही प्राप्त हो सके। जबकि दो निर्दलीय कुल 108 मत पाने को मजबूर हुए।
कांग्रेस तथा बसपा समेत अन्य किसी भी दल ने यहां से उम्मीदवार खड़े नहीं किये। सीधी टक्कर में जिस तरह यहां भाजपा की दुगर्ति हुई ऐसा भाजपा नेताओं ने स्वप्न में भी नहीं सोचा होगा।
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सपा के क्षेत्रीय नेताओं की एकजुटता तथा मजबूत टीम वर्क और भाजपा के सांसदों तथा दूसरे जनप्रतिनिधियों की बेहद उदासीनता भी भाजपा की आशाओं पर पानी फेरने के बड़े कारण रहे।
भाजपा नेताओं की निराशा ने चुनाव से पूर्व ही भाजपा की हार की मौन घोषणा कर दी थी।
ऐसे में भाजपा के साथ ही बसपा समर्थक मतदाता भी सपा के पाले में चले गये। पार्टी उम्मीदवार के न होने से कांग्रेस समर्थकों को सपा के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं था।