उत्तराखंड में सियासत रोचक होती जा रही है। हर पल नये आरोप लगाये जा रहे हैं। राहुल गांधी ट्वीट से भाजपा पर हमला कर रहे हैं तो मुख्यमंत्री हरीश रावत भाजपा पर खरीद फरोख्त के लिए करोड़ों की बात कहने से पीछे नहीं हट रहे।
भाजपा के सामने इस समय कोई समस्या नहीं है, लेकिन वह अपनी चालबाजी से बाज नहीं आ रही-ऐसे आरोप विपक्ष यानि कांग्रेस की ओर से लगाये जाने की खबरें जारी हैं। भाजपा चाहती है कि 28 मार्च यानि बहुमत सिद्ध करने के दिन से पहले वह अपनी मजबूती बना ले और सरकार का दावा पक्का कर सके।
हरीश रावत को परेशानी इस बात की अधिक है कि उनके विधायक बागी हुए हैं। वे टूटकर भाजपा की बातों में आ गये हैं जो उनके अनुसार उन्हें बहका रही है और बाद में कहीं का नहीं छोड़ेगी।
एक नेता ने कहा है कि लगता है उत्तराखंड में भी कोई मांझी निकलेगा। फिर चुनाव में उसका हाल बिहार की तरह होगा।
राहुल गांधी पीएम मोदी को इसके लिए सीधे-सीधे जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। उनका कहना है कि चुनी हुई सरकार को गिराने का बीजेपी का नया मॉडल है।
यह राजनीति है। यहां दांव बहुत सोच-समझकर चले जाते हैं। गोटियां बहुत पहले ही फिट की जा चुकी होती हैं, बस समय आने का इंतजार करना है। ऐसा कहा जा सकता है कि खेल की रुखरेखा पहले ही बन चुकी थी, इंतजार उसे खेलने का था।