स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती भाजपा की सरकार पर भरोसा नहीं कर रहे हैं। उन्हें लगता है कि इस सरकार में राम मंदिर का निर्माण असंभव है।
उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार के कार्यकाल में ऐसा कुछ नहीं हुआ जिससे लग सके कि राम मंदिर का निर्माण हो सकता है। स्वामी सरस्वती को सरकार की नीयत पर शक है।
स्वरुपानंद बोले कि केन्द्र सरकार राम मंदिर के नाम का सहारा लेकर कुर्सी पर आयी थी। लेकिन बाद में उसने राम नाम को भुला दिया।
उन्होंने कहा कि यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार के कार्यकाल में ही राम मंदिर बनेगा। जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं कहा जा सकता।
स्वामी ने भरोसा जताया कि मंदिर पर अधिकार सभी का है। उससे एक पार्टी का लेना-देना नहीं। इसलिए मंदिर का निर्माण संत समाज के लोग और विद्वान करेंगे।