गजरौला के उपमंडी परिसर में गंदगी पसरी हुई है. इस ओर किसी का ध्यान नहीं हैं.यहां सब कुछ अस्त-व्यस्त मालूम पड़ता है. मंडी निरीक्षक की भूमिका इसमें सर्वाधिक विवादित प्रतीत होती है.
तस्वीरों में देखें गजरौला उपमंडी परिसर :
यह तस्वीर खुद बयां कर रही है कि मंडी परिसर में गंदगी किस तरह है.प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छता अभियान को खुलेआम चुनौती दी जा रही है.
क्या हालत बनी हुआ है जिसपर किसी अधिकारी का कभी ध्यान नहीं गया.
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कर्मचारी अपना रोना रो रहे हैं.
डेढ़ दशक पूर्व पेयजल व्यवस्था के लिए बनाया गया ओवर हैड टैंक अभी तक चालू नहीं किया गया.
ट्यूबवैल रूम भी स्टोर या गोदाम की तरह प्रयोग किया जा रहा है.
शौचालयों को गोदाम बनाकर उनमें ताले डाल दिये हैं.