जिले के कुल आठ शहरों में 1100 लोगों का समाजवादी पेंशन में चयन किया गया है जिसमें अकेले उझारी के 500 लोग शामिल किये गये हैं। विधायक एम. चन्द्रा का गृहनगर मंडी धनौरा इस मामले में भी बेहद पिछड़ गया है। उझारी से डेढ़ गुणा आबादी वाले मंडी धनौरा के केवल 23 लोगों के नाम इस योजना में शामिल किये गये हैं। एम. चन्द्रा के विधानसभा क्षेत्र के तीनों शहरों की उपेक्षा की गयी है। उनके इलाके की बछरायूं पालिका से भी मात्र 24 लोगों को शामिल किया गया है। गजरौला से 65 लोगों के नाम हैं।
कमाल अख्तर के विधानसभा क्षेत्र के उझारी के बाद दूसरे नगर हसनपुर से भी 198 लोगों के नाम हैं। ऐसे में देखा जाये तो पूरे जनपद की चारों विधानसभाओं के शहरी क्षेत्रों के आधे से अधिक अर्थात 698 नाम कमाल अख्तर के विधानसभा क्षेत्र के मात्र दो नगरों से ही भेज दिये गये। नौगांवा सादात के विधायक अशफाक खां उनकी तुलना में कहीं नहीं ठहरते, वहां से मात्र 30 समाजवादी पेंशन के हकदार होंगे। खां से तो एम. चन्द्रा भी आगे रहे। उनके शहरी क्षेत्र के कुल 112 लोगों को पेंशन में चुना जाता है।
महबूब अली की विधानसभा के दोनों शहरों के कुल 320 लोगों को समाजवादी पेंशन के लिए इस सूची में स्थान दिया गया है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार द्वारा संचालित समाजवादी पेंशन योजना में शहरी और ग्रामीण दोनों स्थानों के लोग लाभान्वित किये जाते हैं। 2016 में 4400 ग्रामीण तथा 1100 शहरी लोगों का चयन इस योजना में होना था। आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 अप्रैल थी। इसलिए जो सूची बन गयी अब उसमें फेरबदल की गुंजाइश भी नहीं है।
साथ ही यह भी पता चलता है कि जिले के प्रशासनिक अमले पर कमाल अख्तर की पकड़ सबसे मजबूत है और एम. चन्द्रा यहां भी सबसे पिछड़ गये हैं। धनौरा से मात्र 23 तथा उझारी से पांच सौ नाम इसका जीता जागता सबूत हैं।