मां, मोदी और ममता

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मां ऐसी ही होती है। मां चाहें एक आम आदमी की हो, या देश के प्रधानमंत्री की, वह अपने बच्चों को उसी तरह दुलार करती है।

पीएम नरेन्द्र मोदी जब पहली बार प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने अपनी मां का आशीर्वाद लिया। तब मीडिया में वे दृश्य सुर्खियां बने। उन्होंने दूसरों को प्रेरणा दी। अब फिर प्रधानमंत्री ने अपनी मां हीराबेन के साथ कुछ दिन बिताये। उन्होंने मां के साथ गुजारे भावनात्मक पलों को ट्विटर पर साझा किया।

हीराबेन व्हीलचेयर पर हैं। मोदी उन्हें बगीचा दिखा रहे हैं। वे उनसे बातचीत कर रही हैं। पीएम जबाव दे रहे हैं।

फेसबुक कार्यालय में मार्क जकरबर्ग से मुलाकात करते हुए भी पीएम ने अपनी मां को याद किया था। उन्होंने उनके संघर्षपूर्ण जीवन के विषय में बताया और पीएम भावुक हो गये थे।

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पीएम का ऐसे मौकों पर हंसना, रोना मायने नहीं रखता, लेकिन उन्होंने जिस प्रकार से अपनी मां को याद किया वह मायने रखता है।

ऐसा नहीं है कि नरेन्द्र मोदी से पहले दूसरे किसी प्रधानमंत्री ने अपनी मां को इतना प्रेम नहीं किया, बल्कि उनके लिए भी उनकी मां वैसी ही रही होंगी। मां और ममता जुड़कर चलती है। यह स्वाभाविक होता है।

प्रधानमंत्री बनने के बाद तथा गुजरात राज्य से बाहर निकलकर दिल्ली आने के बाद मोदी में बहुत बदलाव आये हैं। ऐसा कहा जा सकता है कि उनकी उम्र भी इसमें एक बड़ा कारक है।

आजकल उनके नये हैयर स्टाइल की चर्चा बंद हो गयी है। अब चर्चा मां पर हो रही है। उन क्षणों पर हो रही है, जब एक बेटा अपनी मां के साथ ऐसे पलों को साझा कर रहा है जो भावुक करने वाले हैं। ऐसे क्षण जब ममता बिखर कर प्रेरणा देती है।

लेकिन सियासत में मां का काम नहीं। मोदी की पत्नि की कहानी पर चर्चायें होनी बंद हो गयी हैं। चुनाव के परिणाम जो भी रहें, लेकिन मां का आशीर्वाद हमेशा बना रहता है। इसका राजनीति से वास्ता नहीं है और पीएम मोदी जानते हैं कि छवियां भी समय-समय के साथ परिवर्तित होती रहती हैं।

-हरमिंदर सिंह.